पाकिस्तान के लाहौर से एक बड़ी खबर सामने आई है, जहां आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा (LeT) के सह-संस्थापक आमिर हमजा के घायल होने की सूचना है. खबरों के मुताबिक, मंगलवार को उन्हें गंभीर हालत में लाहौर के एक सैन्य अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उनकी सुरक्षा के लिए पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI ने कड़े इंतजाम किए हैं. हालांकि, इस घटना को लेकर अभी तक कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है, लेकिन यह घटनाक्रम भारत के हालिया ऑपरेशन सिंदूर के बाद बढ़ते तनाव के बीच सुर्खियां बटोर रहा है.
आमिर हमजा लश्कर-ए-तैयबा का एक प्रमुख चेहरा रहा है, जिसने 1990 के दशक में हाफिज सईद और अब्दुल रहमान मक्की जैसे आतंकवादियों के साथ मिलकर इस संगठन की नींव रखी थी. लश्कर भारत में कई बड़े आतंकी हमलों के लिए जिम्मेदार रहा है, जिसमें 2008 का मुंबई हमला (26/11) सबसे कुख्यात है. हमजा न केवल संगठन का सह-संस्थापक है, बल्कि वह लश्कर की पत्रिकाओं का संपादक भी रहा है, जिसके जरिए वह आतंकी विचारधारा का प्रचार-प्रसार करता था. इसके अलावा, वह संगठन की फंडिंग और भर्ती में भी सक्रिय भूमिका निभाता है.
रहस्यमयी परिस्थितियों में घायल
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, आमिर हमजा अपने घर में रहस्यमयी परिस्थितियों में घायल हुआ. शुरुआती खबरों में दावा किया गया था कि उस पर अज्ञात हमलावरों ने गोलीबारी की, लेकिन बाद में जांच में इसे एक घरेलू हादसा बताया गया. कुछ सूत्रों ने इसे हमला मानने से इनकार किया है, लेकिन इस घटना ने पाकिस्तान में हड़कंप मचा दिया है. खास तौर पर यह इसलिए भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि तीन दिन पहले ही लश्कर के एक अन्य शीर्ष आतंकवादी अबु सैफुल्लाह की अज्ञात लोगों द्वारा गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. इन घटनाओं ने पाकिस्तान में आतंकी संगठनों के खिलाफ चल रही कार्रवाइयों और भारत-पाक तनाव को एक नया आयाम दिया है.
ऑपरेशन सिंदूर का प्रभाव
यह घटना ऐसे समय में हुई है, जब भारत ने हाल ही में 'ऑपरेशन सिंदूर' के तहत पाकिस्तान और पाक अधिकृत कश्मीर (PoK) में आतंकी ठिकानों पर सटीक हमले किए. इन हमलों में लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद और हिज्बुल मुजाहिदीन जैसे संगठनों के ठिकानों को निशाना बनाया गया, जिससे पाकिस्तान में आतंकी ढांचे को भारी नुकसान पहुंचा. ऑपरेशन सिंदूर 22 अप्रैल 2025 को पहलगाम में हुए आतंकी हमले का जवाब था, जिसमें 26 लोग मारे गए थे. इस हमले की जिम्मेदारी लश्कर से जुड़े संगठन 'द रेसिस्टेंस फ्रंट' (TRF) ने ली थी.