कुडघाट: कोलकाता में एक बेहद दर्दनाक और चौंकाने वाली घटना सामने आई है, जहां शहर के दक्षिणी हिस्से कुडघाट में रहने वाली 67 वर्षीय बुजुर्ग महिला जमुना मंडल ने डर और घबराहट में खुद को आग लगा ली. पुलिस के अनुसार, यह पूरी घटना चुनाव आयोग की चल रही SIR प्रक्रिया के दौरान हुई, जिसने कई इलाकों में लोगों में डर और भ्रम बढ़ा दिया है.
जमुना मंडल लंबे समय से साउथ कोलकाता के धलाई पुल और न्यू पुटियारी उदयाचल इलाके में रहती थीं. उनके परिवार ने बताया कि जैसे ही वोटर लिस्ट की विशेष जांच (SIR) शुरू हुई, उनकी चिंता और बढ़ने लगी. परिवार का दावा है कि उन्हें अपना न्यूमेरेशन फॉर्म नहीं मिला था, जिसकी वजह से वे बार-बार घबराने लगीं कि कहीं उनका नाम वोटर लिस्ट से हट न जाए या कोई सरकारी समस्या न आ जाए.
पुलिस की शुरुआती जांच के मुताबिक, इसी डर और तनाव में उन्होंने अपने घर में खुद को आग लगा ली. परिवार वालों ने उन्हें तुरंत एमआर बांगुर अस्पताल पहुंचाया, लेकिन गंभीर जलने की वजह से उन्होंने अस्पताल में दम तोड़ दिया. पुलिस ने शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है और अब घटना के हर पहलू की जांच की जा रही है. क्या वास्तव में SIR प्रक्रिया का डर उनकी मौत की वजह बना?
और भी चौंकाने वाली बात यह है कि हाल के हफ्तों में ऐसी ही कई मौतें पश्चिम बंगाल के अन्य जिलों उत्तर 24 परगना, मुर्शिदाबाद, बीरभूम और नादिया में भी सामने आई हैं. कई लोग SIR प्रक्रिया को लेकर डरे हुए हैं, खासकर वे बुज़ुर्ग जिन्हें दस्तावेज या फॉर्म समय से नहीं मिल पाते और वे गलतफहमी या तनाव में आ जाते हैं.
ECI ने वोटर लिस्ट को साफ और अपडेट रखने के लिए SIR अभियान शुरू किया है. इस प्रक्रिया में अधिकारी घर-घर जाकर मृत लोगों के नाम हटाते हैं, डुप्लिकेट एंट्री सुधारते हैं और नए पात्र वोटरों के नाम जोड़ते हैं. लेकिन जमीन पर कई जगह लोगों में इस प्रक्रिया को लेकर डर और गलत सूचना फैलने से हालात गंभीर बन रहे हैं.
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