नई दिल्ली: यूपी परिवहन विभाग की बड़ी पहल सामने आयी है. यूपी परिवहन विभाग ने यह फैसला किया है कि निजी वाहनों की पत्रावलियां वाहन मालिक ही रखें. इसका मतलब यह है कि यूपी में निजी वाहनों से जुड़ी फाइल्स को रखने और सहजने की जिम्मेदारी अब गाड़ी के मालिकों की रहेगी. उसके बाद वाहन मालिक को डीलर से शपथ पत्र लेकर एआरटीओ (क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय) कार्यालय में जमा करना होगा.
वहीं कमर्शियल वाहनों की फाइल्स को एआरटीओ कार्यालय में संभाल कर रखना होगा. प्रदेशभर में नई व्यवस्था तीन अक्टूबर से प्रभावी होगी. यूपी परिवहन आयुक्त चंद्रभूषण सिंह ने इस संबंध में आरटीओ व एआरटीओ को आदेश जारी कर दिया है.
प्रदेश में वाहन खरीदने पर डीलर प्वाइंट यानी वाहन विक्रेता के यहां वाहनों की पत्रावलियां सुरक्षित रखी जाती रही हैं. हर दिन करीब डेढ़ से पौने दो लाख वाहनों का पंजीयन होता है. डीलर्स फेडरेशन ने सरकार ने पत्रावलियां रखने की व्यवस्था बदलने का अनुरोध किया था. जिसके बाद शासन ने बड़ा फैसला लेते हुए यह कपदम उठाया है. परिवहन विभाग ने यह फैसला किया है कि निजी वाहनों की फाइल्स वाहन स्वामी ही रखें. वहीं कमर्शियल वाहनों की पत्रावलियां एआरटीओ कार्यालय में रखी जाएं. प्रदेश में चार नवंबर 2020 से मूल पत्रावली डीलर के पास रखी जा रही हैं.
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