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नाटो- अमेरिका की बंदूक, हिंदुस्तान में स्मगलिंग, बदमाशों और आतंकियों का गठजोड़, भारत के लिए क्या है नया खतरा?

सोचिए अगर पंजाब में नाटो के लिए बनाई गई खास पिस्टल की रिकवरी हो रही है, आतंकियों के पास विदेशी हथियार धड़ल्ले से पहुंच रहे हैं तो गलती किसकी है. पाकिस्तान से इन हथियारों की तस्करी हो रही है और भारत में हथियार मिल रहे हैं. आतंकियों के पास से भी जो हथियार जब्त हो रहे हैं, वे भी कुछ ऐसे ही हैं. आइए जानते हैं आखिर क्यों ऐसे हथियारों की एंट्री को रोकना मुश्किल है.

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India Daily Live
Jammu and Kashmir
Courtesy: ANI

पंजाब और कश्मीर, देश के दो हिस्से ऐसे हैं, जहां पाकिस्तान की तस्करी से हथियार पहुंच रहे हैं. ये आरोप नहीं है, पुलिस के पास बरामदगी ये दिखाती है कि जो हथियार नाटो के सुरक्षाकर्मियों के पास होने चाहिए, वे पंजाब के बदमाशों के पास मिल रहे हैं. पंजाब के शेरोन में एक चेकपॉइंट पर पुलिस को चकमा देकर फरार होने वाले कुछ बदमाशों को जब पकड़ा गया तो उनके पास जो मिला, वह हैरान करने वाला रहा है. यह मामला 29 अगस्त का है लेकिन भारत के खुफिया तंत्र और निगरानी करने वाले अधिकारियों पर सवाल उठ रहे हैं. 

पुलिस ने कार में बैठे जिन बदमाशों को गिरफ्तार किया, उनके नाम हरप्रीत सिंह उर्फ हैप्पी और लवप्रीत सिंह बैठे थे, जिनका इतिहास, दागदार है. पुलिस ने गाड़ी तलाशी तो 4 ग्लॉक और 19 पिस्तौलें मिलीं. एक पिस्टल पर लिखा था, 'मेड फॉर नाटो आर्मी.' जिस नाटो आर्मी से रूस भी कांपता है, भारत में उनके हथिायर बिक रहे हैं, यह हैरान करने वाला है.

सिर्फ नाटो के लिए बनी पिस्तौल ही नहीं, 4 मैगजीन, 7 जिंदा कारतूस और 4 लाख से ज्यादा रुपये मिले. पंजाब पुलिस ने कहा कि हरप्रीत सिंह का पाकिस्तानी तस्करों के साथ संपर्क था. पाकिस्तान से ड्रोन के जरिए ये हथियार हिंदुस्तान में भेजे जा रहे थे. वहां से ड्रग्स की भी आवाजाही होती थी. जबकि वहां सुरक्षाबलों की तैनाती है और 24 घंटे सीमाओं पर नजर रखी जा रही है.

पाकिस्तान से आ रहे हथियार, कैसे होगी सुरक्षा?

तरनतारन के सीनियर पुलिस अधीक्षक (SSP) गौरव तूरा ने खुद कहा है कि हरप्रीत सिंह ने अपराधियों तक कई राउंड हथियारों की खेप पहुंचाई है. नाटो के हथियारों का भारत में होना, अपने आफ में डराने वाली खबर है साथ ही पंजाब में बढ़ते गैंगवार की खबरें भी डरा रही हैं. पंजाब में बीते कुछ दिनों में जैसी हत्याएं हुई हैं, वे भी चिंताजनक हैं.

बदमाशों, आतंकियों के पास नाटो ग्रेड के हथियार

देश में आतंकियों और बदमाशों के पास ऐसे हथियार, पुलिस और सुरक्षाबलों के लिए भी खतरे से कम नहीं है. आम नागरिकों की जान पर तो आफत बन ही आई है. कश्मीर से भी हाल के दिनों में जो हथियार बरामद हुए हैं, वे डराने वाले हैं. नाटो ग्रेड के हथियार और गोला बारूद वहां मिले हैं. कश्मीर में जमकर हथियारों की तस्करी हो रही है. ये हथियार कैसे इतने गोपनीय हथियार भंडारों से देश में पहुंचते हैं, ये हैरान कर देने वाला है.

कैसे भारत में आ रहे विदेशी हथियार?

इंडिया टुडे की एक रिपोर्ट के मुताबिक  जब साल 2021 में अमेरिकी फौजें, अफगानिस्तान को छोड़कर वापस अपने देश लौटीं तो बड़ी संख्या में हथियार, तालिबानी आतंकियों के पास आए. तालिबान ने हथियारों को जब्त कर लिया और अफगानिस्तान पर कब्जा कर लिया. तालिबान की कमाई का मुख्य जरिया भी अब हथियारों की तस्करी हो गई है. तालिबानी पाकिस्तानियों को हथियार बेचते हैं, पाकिस्तान से हथियार भारत में आते हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक तालिबान के पास 7.12 बिलियन डॉलर के हथियार हैं. तालिबान इन्हें धड़ल्ले से बेचता है. 

जम्मू में आतंकियों के पास विदेशी हथियारों का जखीरा 

पाकिस्तान से ऑपरेट होने वाले कुख्यात आतंकी संगठन जैश-ए-मुहम्मद (JEM) और लश्कर-ए-तैयबा (LeT) जैसे आतंकवादी संगठन इन्हें खरीदते हैं और बॉर्डर पार कराकर हिंदुस्तान भेजते हैं,जहां कश्मीर घाटी में दहशत का कारोबार होता है. भारत ने इस साल जम्मू सेक्टर में इतने हमले झेले हैं कि वह हैरान करने वाला है. कश्मीर घाटी से आतंकवाद का जम्मू पर शिफ्ट हो जाना, इन्हीं हथियारों की तस्करी की वजह से हुआ है. 

सीमा पार से आ रहे हथियार, कहां हो रही है चूक 

सिर्फ पाकिस्तान, अफगानिस्तान से ही हथियार नहीं खरीद रहा है. इजरायल के खिलाफ काम करने वाली ताकतें भी पाकिस्तान तक हथियार पहुंचा रही हैं. हमास की ओर से अमेरिकन मेड पिस्टल, गोला बारूद और दूसरे उपकरण पाकिस्तान आ रहे हैं. तस्करी के जरिए यही हथियार भारत में आतंकियों के पास पहुंच रहे हैं. भारत और पाकिस्तान की लंबी सीमाएं, इन हथियारों के ट्रांसपोर्टेशन में मददगार साबित हो रही हैं. 

इन हथियारों के नाम भी नहीं सुने होंगे आप

कश्मीर में विदेशी हथियार, M4 असॉल्ट राइफ, अमेरिकी पिस्टल, चीन के रेडियो सेट, बेहद आम हो गए हैं. आतंकी हथियारों से सुसज्जित हैं और बड़ी वारदातों को अंजाम दे रहे हैं. वे सुरक्षाबलों को निशाना बनाकर हमला कर रहे हैं, जिसमें हमारे जवान शहीद हो रहे हैं. आतंकियों के पास नाइट विजन ग्लास से लैस हथियार हैं, स्टील कोर बुलेट है जिनकी वजह से वे बुलेट प्रूफ जैकेटों को भेदकर भी जवानों की जान ले रहे हैं. 

कश्मीर के आतंकियों के पास M4s, M16 जैसे हथियार आ गए हैं. अमेरिकन मेड M4 कार्बाइन और M16 असॉल्ट राइफलें भी आतंकियों के पास मिल रही हैं. 2020 की शुरुआत में ही कश्मीर में दिखाई देने लगीं. 

आतंकी, अब आम लोगों को निशाना बना रहे हैं. मई में उन्होंने बस पर हमला किया, जिसमें 4 लोगों की मौत हो गई, 24 घायल गए. आतंकी स्टिकी बमों का इस्तेमाल कर रहे हैं. यही नाटो बल इस्तेमाल करते हैं. कश्मीर से जो हथियार बरामद हुए हैं, उनमें अमेरिका, ऑस्ट्रिया और तुर्की मेड हथियार मिल रहे हैं. 

क्यों हो रही है ऐसी तस्करी?

भारतीय सेना के पूर्व लेफ्टिनेंट जनरल देवेंद्र प्रताप पांडेय ने हाल ही में एक इंटरव्यू में कहा था कि पाकिस्तान और भारत की भौगोलिक सीमाएं ऐसी हैं, जिनकी मॉनिटरिंग बेहद मुश्किल हैं. हथियारों की तस्करी पूरी तरह से नहीं रोकी जा सकती है. वहीं सेना में मेजर जनरल अजय चांदपुरिया ने भी कहा था कि अमेरिकी हथियार, अफगानिस्तान से कश्मीर पहुंचे थे. साल 2022 में तत्कालीन सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे ने भी आगाह किया था कि हथियारों की तस्करी हो रही यह बढ़ ही रही है.

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