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Karnataka Hijab Ban: CM सिद्धारमैया का यू टर्न, बोले 'अभी तक ऐसा नहीं किया...'

Karnataka Hijab Ban: सीएम सिद्धारमैया ने कहा है कि सरकार फिलहाल राज्य के शिक्षण संस्थानों में हिजाब पहनने पर लगी रोक हटाने पर विचार कर रही है.

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Edited By: Amit Mishra
Karnataka hijab ban

Karnataka Hijab Ban Politics: कर्नाटक में हिजाब बैन हटाने को लेकर राज्य के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया (Siddaramaiah) ने बड़ी बात कही है. सीएम सिद्धारमैया ने कहा है कि अभी तक ऐसा नहीं किया है. पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक उन्होंने कहा, "किसी ने मुझसे हिजाब पर प्रतिबंध हटाने को लेकर सवाल पूछा जिसके जवाब में मैंने उन्हें जवाब दिया कि सरकार इसे रद्द करने पर विचार कर रही है." 

सरकार पर हमलावर हुई बीजेपी 

गौरतलब है कि, इससे पहले मैसुरु में एक जनसभा को संबोधित करते हुए सीएम सिद्धारमैया ने कहा था कि सरकार राज्य में हिजाब पर लगे बैन को हटाने जा रही है, इसके लिए प्रशासन को निर्देश दिए गए हैं. इसके बाद बीजेपी ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा था कि सीएम धर्म के नाम पर जहर बोने का काम कर रहे हैं. 

हिजाब पर चढ़ा सियासी पारा 

इस बीच सिद्धारमैया के बयान के बाद से देश में इसे लेकर सियासत भी शुरू हो गई है. इसे लेकर कर्नाटक बीजेपी के अध्यक्ष बीवाई विजयेंद्र ने राज्य के मुख्यमंत्री पर धर्म के आधार पर समाज को बांटने का आरोप लगाया है. एनसीपी सांसद सुप्रिया सुले ने हिजाब विवाद पर कहा, "ये कर्नाटक का आंतरिक मामला है. वहां के सीएम फैसला ले सकते हैं." 

'फूट डालो और शासन करो'

राज्य के शैक्षणिक संस्थानों में हिजाब पहनने पर लगे प्रतिबंध को वापस लेने के मामले पर कर्नाटक बीजेपी अध्यक्ष ने कहा, "सत्तारूढ़ कांग्रेस फूट डालो और शासन करो वाली ब्रिटिश सरकार की नीति को आगे बढ़ा रही है. राज्य सरकार को कम से कम बच्चों को अपनी गंदी राजनीति से बचाना चाहिए था." उन्होंने आरोप लगाया कि एक तरफ कांग्रेस हिजाब पर प्रतिबंध हटाना चाहती है, वहीं दूसरी ओर परीक्षा देने गई हिंदू महिलाओं को उनके मंगलसूत्र और पैर की अंगूठियों को उतारने के लिए मजबूर किया गया. उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने कभी भी अल्पसंख्यकों की स्थिति को ऊपर उठाने की कोशिश नहीं की.

सीएम के निशाने पर पीएम 

यहां ये भी बता दें कि, मैसुरु में शुक्रवार (22 दिसंबर) को कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने पीएम नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए कहा था, "पीएम सबका साथ, सबका विकास की बात करते हैं, लेकिन टोपी, बुर्का पहनने वालों और दाढ़ी रखने वालों को किनारे कर देते हैं."