Kapil Sibal ahead of Article 370 verdict: अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के केंद्र सरकार के फैसले को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर आज सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाया. कोर्ट ने कहा कि जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है. जम्मू कश्मीर से आर्टिकल 370 को हटाने का केंद्र सरकार का फैसला बिलकुल संवैधानिक था. उधर, कोर्ट के फैसले से कुछ मिनट पहले देश के सीनियर वकील कपिल सिब्बल ने ट्वीट कर रहा कि कुछ लड़ाइयां हारने के लिए लड़ी जाती हैं.
केंद्र सरकार के फैसले को चुनौती देने वाली याचिकाओं के पक्ष में सुप्रीम कोर्ट में बहस भी हुई. इन बहसों में याचिकाकर्ताओं की ओर से कपिल सिब्बल ने भी बहस की. उनके साथ अन्य वकील भी शामिल थे. कपिल सिब्बल के एक्स पोस्ट के बाद सुप्रीम कोर्ट ने जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा रद्द करने वाले 2019 के राष्ट्रपति के आदेश की वैधता पर अपना आदेश सुनाया.
Courts
— Kapil Sibal (@KapilSibal) December 11, 2023
Some battles are fought to be lost
For history must record the uncomfortable facts for generations to know
The right and wrong of institutional actions will be debated for years to come
History alone is the final arbiter
of the moral compass of historic decisions
सीनियर वकील कपिल सिब्बल ने अपने एक्स पोस्ट में कहा कि कुछ लड़ाइयां हारने के लिए लड़ी जाती हैं. इतिहास को आने वाली पीढ़ियों के लिए असुविधाजनक तथ्यों को दर्ज करना चाहिए. संस्थागत कार्यों के सही और गलत पर आने वाले वर्षों में बहस होगी. इतिहास ही ऐतिहासिक निर्णयों के नैतिक दिशा-निर्देश का अंतिम मध्यस्थ है.
पांच न्यायाधीशों की पीठ ने सोमवार को सर्वसम्मति से फैसले में जम्मू-कश्मीर की विशेष स्थिति को रद्द करने के केंद्र के कदम को बरकरार रखा. भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने आदेश सुनाते हुए कहा कि अनुच्छेद 370 के तहत प्रदान की गई जम्मू-कश्मीर की विशेष स्थिति अस्थायी थी और विशेष स्थिति को रद्द करने वाले राष्ट्रपति के आदेश वैध हैं.
मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस संजय किशन कौल, जस्टिस संजीव खन्ना, बीआर गवई और जस्टिस सूर्यकांत की पांच जजों की संविधान पीठ ने जम्मू-कश्मीर की विशेष दर्जे को रद्द करने के केंद्र के फैसले के खिलाफ याचिकाओं पर फैसला सुनाया.
राष्ट्रपति के आदेशों को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर पिछली सुनवाई के दौरान सिब्बल ने कहा था कि भारत के इतिहास में कभी भी किसी राज्य को केंद्र शासित प्रदेश में नहीं बदला गया है.
सिब्बल ने कहा था कि आप किसी राज्य की सीमाएं बदल सकते हैं, आप छोटे राज्य बनाने के लिए बड़े राज्य की सीमाओं को विभाजित कर सकते हैं, लेकिन इस देश के इतिहास में कभी भी किसी राज्य को केंद्र शासित प्रदेश में परिवर्तित नहीं किया गया है. सिब्बल ने पूरे समय यह तर्क दिया है कि अनुच्छेद 370 को हटाना राजनीतिक कदम था, संवैधानिक नहीं.