Kanwar Yatra Eateries Row: कांवड़ा यात्रा मार्ग में पड़ने वाली खाने-पीने की दुकानों, होटल और ठेलों पर उनके मालिकों की नेमप्लेट होनी चाहिए, योगी सरकार के इस आदेश पर बवाल मचा हुआ है और अब यह मामला सुप्रीम कोर्ट की चौखट पर पहुंच गया है. जस्टिस हृषिकेश रॉय और जस्टिस एसवीएन भट्टी की बेंच सोमवार को गैर सरकारी संगठन (NGO) एसोसिएशन ऑफ प्रोटेक्शन ऑफ सिविल राइट्स की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई कर सकती है.
पूरे राज्य में लागू करने का ऐलान
बता दें कि पहले मुजफ्फरनगर पुलिस की ओर से जिले में कांवड़ यात्रा रूट पर पड़ने वाले सभी होटल और दुकानों पर उनके मालिकों के नाम लिखे होने को कहा गया था, लेकिन शुक्रवार को प्रदेश सरकार ने पूरे प्रदेश में इस विवादित आदेश को लागू करने का ऐलान कर दिया.
विपक्ष ने साधा निशाना
योगी सरकार अपने इस आदेश को लेकर विपक्ष के निशाने पर आ गई है. विपक्ष का आरोप है कि यह आदेश मुसलमान व्यापारियों और विक्रेताओं को निशाना बनाने के लिए लाया गया है.
सहयोगी भी बने विरोधी
विपक्ष के साथ-साथ एनडीए के सहयोगी दलों के कुछ नेताओं ने भी सरकार के इस फैसले का विरोध किया है. बीजेपी की सहयोगी पार्टी राष्ट्रीय लोकदल के अध्यक्ष जयंत चौधरी ने योगी सरकार से इस आदेश को वापस लेने की मांग की.
जयंत ने पत्रकारों से बातचीत में कहा, 'ऐसा लगता है कि यह आदेश बिना सोचे समझे लाया गया है और अब सरकार इस आदेश पर अड़ी हुई है. कभी-कभी सरकारों से ऐसी चीजें हो जाती हैं. अभी भी समय है, इस फैसले को वापस लिया जाए और सरकार को इसे लागू करने पर ज्यादा जोर नहीं देना चाहिए.' जयंत के अलावा चिराग पासवान ने भी सरकार के इस फैसले की आलोचना की. उन्होंने कहा कि सभी सरकारों को हर वर्ग के हित के लिए काम करना चाहिए.