संसद के मॉनसून सत्र के दौरान मंगलवार, 29 जुलाई 2025 को राज्यसभा में ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा के दौरान तीखा विवाद देखने को मिला. केंद्रीय मंत्री और राज्यसभा में सदन के नेता जेपी नड्डा ने कांग्रेस अध्यक्ष और विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी की जिसके बाद विपक्षी सांसदों ने जोरदार हंगामा किया. नड्डा ने खरगे के बारे में कहा कि उन्होंने "मानसिक संतुलन खो दिया है," जिसके बाद उन्होंने खरगे से माफी मांगते हुए अपनी टिप्पणी वापस ले ली.
यह विवाद तब शुरू हुआ जब मल्लिकार्जुन खरगे ने ऑपरेशन सिंदूर और पहलगाम आतंकी हमले को लेकर केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तीखा हमला बोला. खरगे ने अपनी राय रखते हुए कहा कि सरकार को पहलगाम हमले में खुफिया विफलता और ऑपरेशन सिंदूर के बाद की स्थिति पर स्पष्ट जवाब देना चाहिए. उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दावा किया है कि भारत और पाकिस्तान के बीच युद्धविराम उनकी मध्यस्थता से हुआ, जो भारत की संप्रभुता के लिए अपमानजनक है.
खरगे के इस भाषण के जवाब में जेपी नड्डा ने तीखी प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा, "खरगे जी एक वरिष्ठ नेता हैं, लेकिन जिस तरह उन्होंने प्रधानमंत्री पर टिप्पणी की, उससे लगता है कि उन्होंने अपना मानसिक संतुलन खो दिया है." नड्डा ने यह भी मांग की कि खरगे की टिप्पणियां, जो "भावनाओं के आवेश" में की गई थीं, उन्हें सदन के रिकॉर्ड से हटा दिया जाए. इस बयान ने विपक्षी सांसदों को भड़का दिया, और उन्होंने जोरदार विरोध शुरू कर दिया.
खरगे की प्रतिक्रिया और नड्डा की माफी
विपक्षी सांसदों के हंगामे और खरगे के कड़े रुख के बाद, नड्डा ने अपनी टिप्पणी पर खेद जताया. उन्होंने कहा, "मैं अपनी बात वापस लेता हूं. अगर मेरी टिप्पणी से आपको ठेस पहुंची है, तो मैं इसके लिए माफी मांगता हूं. लेकिन आप भी भावनाओं में बह गए थे." नड्डा ने यह भी जोड़ा कि विपक्ष को प्रधानमंत्री के पद की गरिमा का ध्यान रखना चाहिए.
खरगे ने जवाब में कहा, "इस सदन में कुछ नेता हैं जिनके प्रति मेरे मन में अपार सम्मान है. नड्डा जी उनमें से एक हैं. राजनाथ जी और वह ऐसे मंत्री हैं जो संतुलित ढंग से बोलते हैं. लेकिन आज उनकी टिप्पणी शर्मनाक थी. मैं इसे छोड़ने वाला नहीं हूं." खरगे ने नड्डा से औपचारिक माफी की मांग की, जिसके बाद नड्डा ने अपनी बात वापस लेते हुए माफी मांगी.