Jharkhand Political Crises: झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (Hemant Soren) से प्रवर्तन निदेशालय की टीम पूछताछ कर रही है. ईडी (ED) सोरेन को 10 बार समन जारी कर चुकी है. इस बीच अटकलें इस बात की भी लगाई जा रही हैं कि झारखंड (Jharkhand) में मुख्यमंत्री बदल सकता है. खबरें इस तरह की भी हैं कि मंगलवार (30 जनवरी 2024) को हुई विधायक दल की बैठक में हेमंत सोरेन ने विधायकों से सादे कागज पर साइन लिए थे. इनमें से एक कागज पर कल्पना सोरेन को CM बनाने के लिए साइन लिए गए थे. जबकि, दूसरे कागज पर झारखंड सरकार में मंत्री चंपई सोरेन का नाम था. ऐसे में कयास ये भी लगाए जा रहे हैं कि अगर हेमंत सोरेन सीएम पद छोड़ते हैं तो चंपई सोरोन सत्ता के शीर्ष पर काबिज हो सकते हैं. तो चलिए जान लेते हैं कि आखिर चंपई सोरेन हैं कौन.
चंपई सोरेन झारखंड सरकार में मंत्री हैं. इससे पहले भी वो एक बार मंत्री रह चुके हैं. चंपई सोरेन सरायकेला से विधायक हैं. चंपई को झारखंड का टाइगर भी कहा जाता है. उनके पिता सेमल सोरेन खेती किसानी करते थे. चंपई ने भी खेती की है. चंपई हेमंत सोरेन के पिता शिबू सोरेन के सहयोगी रहे हैं. झारखंड के आंदोलन में चंपई ने शिबू सोरेन का साथ दिया था. हेमंत सोरेन सार्वजनिक मंचों पर भी चंपई सोरेन के पैर छूकर आशीर्वाद लेते हुए दिखे हैं और रिश्ते में उन्हें चाचा मानते हैं. कहा तो ये भी जाता है कि चाहे मामला सरकार का हो या पार्टी के अहम विषयों का...हेमंत सोरेन चंपई सोरेन से सलाह मशविरा जरूर करते हैं.
चंपई सोरेन ने 1991 में पहली बार उपचुनाव में निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर जीत दर्ज की थी. वो जीत इसलिए बड़ी थी क्यों कि चंपई ने कद्दावर सांसद कृष्णा मार्डी की पत्नी को हराया था. इसके बाद चंपई सोरेन ने 1995 में झारखंड मुक्ति मोर्चा के टिकट पर जीत हासिल की. साल 2000 में बीजेपी के अनंतराम टुडू से चंपई चुनाव हार गए थे. लेकिन 2005 से लगातार चंपई सरायकेला से विधायक हैं. 2019 में उन्होंने बीजेपी के गणेश महाली को हराया था.
सरायरकेला के जिलिंगगोड़ा में 1956 में सेमल सोरेन और माधव सोरेन घर चंपई सोरेन का जन्म हुआ था. अपने तीन भाइयों और एक बहन में ये सबसे बड़े हैं. अगर शैक्षणिक योग्यता की बात करें तो चंपई मैट्रिक पास हैं. इनकी शादी मानको सोरेन से हुई है और इनके चार बेटे और तीन बेटियां हैं.