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India Daily

कौन था जम्मू कश्मीर एनकाउंटर में मारा गया खूंखार आतंकी 'समंदर चाचा' उर्फ GPS

जम्मू-कश्मीर के गुरेज सेक्टर में सुरक्षा बलों को बड़ी कामयाबी मिली है. आतंकियों के साथ मुठभेड़ में आतंकियों की दुनिया में 'ह्यू मन जीपीएस' के नाम से मशहूर बाघू खान उर्फ 'समंदर चाचा' मारा गया है. इसके अलावा, समंदर चाचा के साथ एक और पाकिस्तानी घुसपैठिया भी मारा गया है.

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Edited By: Mayank Tiwari
Terrorist Samandar Chacha was killed
Courtesy: X

जम्मू-कश्मीर के गुरेज सेक्टर में भारतीय सुरक्षा बलों ने शनिवार (30 अगस्त) को आतंकवाद के खिलाफ एक और महत्वपूर्ण जीत हासिल की है. यहां सेना और आतंकियों के बीच हुई मुठभेड़ में कुख्यात आतंकी बागू खान, जिसे 'समंदर चाचा' और 'ह्यूमन जीपीएस' के नाम से जाना जाता था, वो सेना द्वारा मार गिराया गया. उसके साथ एक अन्य पाकिस्तानी घुसपैठिए को भी ढेर कर दिया गया. यह ऑपरेशन आतंकी नेटवर्क के लिए करारा झटका माना जा रहा है.

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, सुरक्षा एजेंसियों का कहना है कि, समंदर चाचा पिछले तीन दशकों से पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में रह रहा था. 1995 से एक्टिव यह आतंकी गुरेज सेक्टर और आसपास के क्षेत्रों में अपनी गहरी जानकारी के लिए कुख्यात था.

'ह्यूमन जीपीएस' की खतरनाक साजिशें

एक वरिष्ठ सुरक्षा अधिकारी ने बताया कि  समंदर चाचा ने 100 से अधिक घुसपैठ के प्रयासों को अंजाम दिया, जिनमें से अधिकांश सफल रहे. कठिन पहाड़ी रास्तों और खुफिया मार्गों का उसका ज्ञान उसे आतंकी संगठनों के लिए मददगार साबित होता था. "वह आतंकियों के लिए एक जीता-जागता जीपीएस था, जो घुसपैठ की हर योजना को बखूबी अंजाम देता था.

 

 कई आतंकी संगठनों का था मददगार 

हालांकि, समंदर चाचा हिजबुल मुजाहिदीन का कमांडर था, लेकिन उसकी भूमिका केवल एक संगठन तक सीमित नहीं थी. उसने लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद जैसे कई आतंकी संगठनों को घुसपैठ की रणनीति बनाने और लागू करने में सहायता प्रदान की. उसकी इस विशेषज्ञता के कारण आतंकी उसे 'ह्यूमन जीपीएस' कहकर बुलाते थे. 

28 अगस्त की रात को हुई मुठभेड़ 

सूत्रों के मुताबिक, 28 अगस्त की रात समंदर चाचा नौशेरा नार इलाके से एक और घुसपैठ की कोशिश में जुटा था. सुरक्षा बलों को पहले से मिली खुफिया जानकारी के आधार पर उसे घेर लिया गया. आतंकियों और सेना के बीच हुई गोलीबारी में समंदर चाचा और उसके साथी आतंकी मारे गए. अगले दिन, 29 अगस्त की सुबह तक क्षेत्र में तलाशी अभियान और गोलीबारी जारी रही. 

आतंकी नेटवर्क को पहुंचा बड़ा नुकसान 

सुरक्षा अधिकारियों का कहना है कि समंदर चाचा की मौत से आतंकी संगठनों के लॉजिस्टिक नेटवर्क को गहरा आघात पहुंचा है. उसके मारे जाने से घुसपैठ की कई योजनाएं ध्वस्त हो गई हैं. वह सालों तक सुरक्षा बलों की पकड़ से बचता रहा, लेकिन अब उसका अंत हो चुका. सेना के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि इस सफलता ने सुरक्षा बलों का मनोबल बढ़ाया है और आतंकवाद के खिलाफ उनकी लड़ाई को और मजबूत किया है.