Jagadish Shettar ex Karnataka Chief Minister rejoins BJP: पिछले साल कर्नाटक विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस में शामिल हुए कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री जगदीश शेट्टार गुरुवार को भाजपा में लौट आए. राजनीतिक रूप से प्रभावशाली लिंगायत समुदाय से आने वाले शेट्टर ने टिकट नहीं मिलने पर भाजपा छोड़ दी थी. बाद में वह कांग्रेस में शामिल हो गये थे. कांग्रेस में शामिल होने के बाद उन्हें हुबली-धारवाड़ सेंट्रल विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ने के लिए टिकट दिया। हालांकि, वे बीजेपी के महेश तेंगिनाकाई से भारी अंतर से हार गए.
67 वर्षीय नेता आज कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री और पार्टी के वरिष्ठ नेता बीएस येदियुरप्पा, उनके बेटे और राज्य पार्टी प्रमुख बीवाई विजयेंद्र की उपस्थिति में भाजपा में शामिल हुए. भाजपा में दोबारा शामिल होने पर शेट्टर ने कहा कि वह इस विश्वास के साथ पार्टी में दोबारा आए हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को दोबारा प्रधानमंत्री चुना जाना चाहिए.
ರಾಷ್ಟ್ರೀಯ ಅಧ್ಯಕ್ಷರಾದ ಶ್ರೀ ಜೆ. ಪಿ. ನಡ್ಡಾ ಅವರನ್ನು ಇಂದು ನವದೆಹಲಿಯಲ್ಲಿ ಪಕ್ಷಕ್ಕೆ ಸೇರ್ಪಡೆಗೊಂಡ ಮಾಜಿ ಮುಖ್ಯಮಂತ್ರಿಗಳಾದ ಶ್ರೀ @JagadishShettar ಅವರು ಭೇಟಿಯಾದರು.
— BJP Karnataka (@BJP4Karnataka) January 25, 2024
ಈ ಸಂದರ್ಭದಲ್ಲಿ ರಾಜ್ಯಾಧ್ಯಕ್ಷರಾದ ಶ್ರೀ @BYVijayendra ಮಾಜಿ ಮುಖ್ಯಮಂತ್ರಿಗಳಾದ ಶ್ರೀ @BSYBJP ಮತ್ತು ಪ್ರಮುಖರು ಉಪಸ್ಥಿತರಿದ್ದರು. pic.twitter.com/Ge7iSzqMrQ
भाजपा में वापसी के बाद शेट्टार ने कहा कि पार्टी ने मुझे अतीत में बहुत सारी ज़िम्मेदारियां दी थीं. कुछ मुद्दों के कारण, मैं कांग्रेस पार्टी में गया. पिछले आठ से नौ महीनों में, बहुत सारी चर्चाएं हुईं. भाजपा कार्यकर्ताओं ने मुझे भाजपा में वापस आने के लिए कहा. उन्होंने कहा कि यहां तक कि येदियुरप्पा जी और विजयेंद्र जी भी चाहते थे कि मैं भाजपा में वापस आऊं. मैं इस विश्वास के साथ पार्टी में फिर से शामिल हो रहा हूं कि नरेंद्र मोदी जी को एक बार फिर प्रधानमंत्री बनना है.
छह बार के विधायक शेट्टार 2012 और 2013 के बीच 10 महीने तक कर्नाटक के मुख्यमंत्री रहे. 1980 के दशक में अपना राजनीतिक जीवन शुरू करने वाले शेट्टार कर्नाटक भाजपा के अध्यक्ष भी रहे और कर्नाटक विधानसभा में विपक्ष के नेता समेत विभिन्न पदों पर काम किया. 67 वर्षीय लिंगायत नेता ने कर्नाटक सरकार में ग्रामीण विकास और पंचायत राज विभाग समेत विभिन्न मंत्रालयों को भी संभाला. भाजपा ने जब 2008 में पहली बार कर्नाटक में जीत हासिल की थी, तब वे कर्नाटक विधानसभा के अध्यक्ष बनाए गए थे.