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संयुक्त राष्ट्र में इजरायली प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने दिखाए दो नक्शे; भारत को 'आशीर्वाद', ईरान को 'अभिशाप' बताया

Netanyahu Called India As Blessing: संयुक्त राष्ट्र यानी UN में इजरायली प्रधानमंत्री ने दो नक्शे दिखाए. एक में भारत का नक्शा था, जिसे उन्होंने 'आशीर्वाद' बताया. वहीं, उनके दूसरे हाथ में कुछ अन्य देशों का नक्शा था, जिसमें ईरान भी शामिल था, उसे उन्होंने 'अभिशाप' बताया.

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Edited By: India Daily Live
 Benjamin Netanyahu
Courtesy: AP

Netanyahu Called India As Blessing: गाजा युद्ध के बाद संयुक्त राष्ट्र में अपने पहले भाषण में, इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने ईरान को मध्य पूर्व में संघर्ष का मुख्य स्रोत बताने की कोशिश की और दो मानचित्र दिखाए. दोनों मानचित्र में देशों के एक समूह को नेतन्याहू ने 'अभिशाप' जबकि दूसरे समूह को उन्होंने 'आशीर्वाद' बताया. दिलचस्प बात यह है कि दोनों मानचित्रों में फिलिस्तीनी क्षेत्रों (पश्चिमी तट और गाजा) को इजरायल का हिस्सा दिखाया गया है.

नेतन्याहू के दाहिने हाथ पर मौजूद नक्शे में ईरान, इराक, सीरिया और यमन को काले रंग से रंगा गया था, जिसे 'अभिशाप' कहा गया था. उनके बाएं हाथ में मौजूद नक्शे में मिस्र, सूडान, सऊदी अरब और भारत को हरे रंग से रंगा गया था. इन देशों को 'आशीर्वाद' कहा गया था. सीरिया में गोलान हाइट्स क्षेत्र को भी इज़राइल का हिस्सा बताया गया था.

नेतन्याहू, जिनका संयुक्त राष्ट्र महासभा में सहारा लेने का इतिहास रहा है, के इस कदम को इजरायल द्वारा पड़ोसी अरब देशों के साथ अपने बढ़ते संबंधों पर जोर देने के प्रयास के रूप में देखा जा रहा है. उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 7 अक्टूबर को इजरायल पर हमास के हमले की निंदा करने वाले पहले विश्व नेताओं में से एक थे. हालांकि, भारत ने भी पूर्ण युद्धविराम का आह्वान किया है और इजरायल-फिलिस्तीन संघर्ष के लिए दो-राज्य समाधान के पक्ष में अपना समर्थन दिया है.

नेतन्याहू बोले- अभिशाप और आशीर्वाद के बीच चयन करना होगा

मानचित्रों को हाथ में लिए हुए नेतन्याहू ने कहा कि विश्व को 'आशीर्वाद' और 'अभिशाप' के बीच चयन करना होगा, क्योंकि इजरायल की ओऱ से लेबनान में हिजबुल्लाह के गढ़ों पर भारी बमबारी के कारण मध्य पूर्व संकट गहरा गया है. अपने तीखे भाषण में नेतन्याहू ने ईरान पर निशाना साधा, जिसका इतिहास क्षेत्रीय मिलिशिया को हथियार देने का रहा है. उन्होंने दुनिया से आग्रह किया कि वो ईरान को खुश करना बंद करे. नेतन्याहू ने कहा कि मेरे पास तेहरान के लिए एक संदेश है, अगर तुम हम पर हमला करोगे, तो हम भी तुम पर हमला करेंगे.

उन्होंने आगे कहा कि ईरान में ऐसा कोई स्थान नहीं है जहां इजरायल की लंबी भुजाएं न पहुंच सकें और यह बात पूरे मध्य पूर्व के लिए सत्य है. जुलाई में ईरानी राजधानी में हमास के राजनीतिक विंग के प्रमुख इस्माइल हनीया की हत्या के बाद से इजरायल और उसके कट्टर विरोधी ईरान के बीच खुले संघर्ष का खतरा बढ़ रहा है. अप्रैल में, ईरान ने सीरिया में ईरानी दूतावास परिसर पर हमले के बाद पहली बार इजरायल पर सीधे हमला किया.

नेतन्याहू ने फिलिस्तीन को भी चेतावनी दी क्योंकि उन्होंने इजरायल को शांति चाहने वाले राष्ट्र के रूप में चित्रित किया. उन्होंने कहा कि फिलिस्तीनियों को यहूदी-घृणा फैलाना बंद करना चाहिए और अंततः यहूदी राज्य के साथ खुद को सामंजस्य स्थापित करना चाहिए.


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