पेरू स्थित इंटरनेशनल पोटैटो सेंटर (CIP) का दक्षिण एशिया क्षेत्रीय केन्द्र (CIP‑SARC) आगरा के सिंगना में स्थापित किया जाएगा. इसके लिए केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने मंजूरी दे दी है. इस प्रस्ताव में केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण विभाग ने बताया कि आगरा को आलू व्यापार का प्रमुख केंद्र माना जाता है, इसी कारण से इसे केन्द्र के लिए चुना गया है. इस अनुसंधान केंद्र पर कुल अनुमानित खर्च 111.5 करोड़ रुपये आएगा.
भंडारण के लिए सबसे उपयुक्त है आगरा
आगरा आलू उत्पादकता, भंडारण एवं मार्केटिंग की दृष्टि से बेहद उपयुक्त स्थल है. इस कदम से न केवल भारत में, बल्कि पूरे दक्षिण एशिया क्षेत्र में आलू की उत्पादकता, कटाई‐बाद प्रबंधन और मूल्य संवर्धन में सुधार आएगा. नए केंद्र से उच्च उपज देने वाली, पोषक तत्वों से भरपूर और जलवायु-लचीली आलू किस्मों का विकास संभव होगा. यह वैज्ञानिक शोध कृषि नवाचार और वैश्विक ज्ञान तक किसानों की पहुँच को भी मजबूत बनाएगा.
इसका मुख्य उद्देश्य आलू और शकरकंद जैसी फसलों की खेती को प्रोत्साहित करना है. इसके माध्यम से किसानों की आमदनी में वृद्धि, लोगों को पोषण से भरपूर भोजन की उपलब्धता और नए रोजगार के अवसरों मिलेगा. केंद्र में उन्नत बीजों का विकास, फसल को कीटों से बचाने की तकनीकों, आधुनिक कृषि विधियों और किसानों को प्रशिक्षण प्रदान करने पर विशेष ध्यान दिया जाएगा. साथ ही विकासशील और पोषक तत्वों से भरपूर आलू व शकरकंद की नई किस्में डेवलप की जाएंगी. इससे विज्ञान और नवाचार पर आधारित रिसर्च दक्षिण एशिया और भारत में खाद्य सुरक्षा, किसानों की आय व रोजगार सृजन को मजबूती मिलेगी.
आलू क्षेत्र का उत्पादन, प्रसंस्करण, पैकेजिंग, ट्रांसपोर्ट और मार्केटिंग जैसे क्षेत्रों में हजारों रोजगार पैदा करने की क्षमता है. आगरा मंडी को आलू की बेंचमार्क मंडी कहा जाता है.आगरा में यह केंद्र खोलने की मंजूरी मिलने के पीछे सोचा-समझा रणनीतिक कारण है. दरअसल उत्तर प्रदेश आलू उत्पादन में देश में शीर्ष पर है. वर्ष 2024‑25 में देश में कुल 595 लाख टन आलू की पैदावार में उत्तर प्रदेश का योगदान लगभग 202 लाख टन रहा था.