LoC infiltration: जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा में रविवार को नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर सुरक्षा बलों ने घुसपैठ की कोशिश को नाकाम करते हुए दो आतंकवादियों को मार गिराया. सुरक्षा बलों को सुबह करीब 4 बजे कुपवाड़ा के केरन सेक्टर में आतंकवादियों की गतिविधि का पता चला. तुरंत कार्रवाई करते हुए, सुरक्षा बलों ने एक अभियान चलाया जिसमें दो आतंकवादी मारे गए. फिलहाल इलाके में तलाशी अभियान चल रहा है.
इससे एक दिन पहले बीएसएफ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा था कि आतंकवादी कश्मीर घाटी में घुसपैठ करने के लिए नियंत्रण रेखा के पार लांच पैड पर इंतजार कर रहे हैं, लेकिन सुरक्षा बल सतर्क हैं और ऐसे किसी भी प्रयास को विफल करने के लिए तैयार हैं.
बीएसएफ कश्मीर फ्रंटियर के महानिरीक्षक (आईजी) अशोक यादव ने शनिवार को कहा कि सर्दियों की शुरुआत से पहले घाटी में आतंकवादियों की घुसपैठ की कोशिशें बढ़ जाती हैं. यादव ने कहा, 'बर्फबारी से पहले हमेशा घुसपैठ की कोशिशें होती हैं. अभी भी लगभग दो महीने हैं और नवंबर तक घुसपैठ की संभावना है क्योंकि उन्हें पता है कि अगले छह महीनों तक उनके पास कम मौके होंगे. इसलिए, वे हमेशा घुसपैठ की कोशिश करते हैं, लेकिन सुरक्षा बलों की सतर्कता के कारण घुसपैठ करना बहुत मुश्किल है.'
उन्होंने कहा, 'बांदीपोरा और कुपवाड़ा सेक्टरों में हमारे एओआर (ज़िम्मेदारी वाले क्षेत्र) के सामने नियंत्रण रेखा के पार लॉन्च पैड्स पर आतंकवादी मौजूद हैं. वे घुसपैठ के मौके की तलाश में हैं, लेकिन सुरक्षा बहुत कड़ी है. कभी-कभी वे घुसपैठ के लिए खराब मौसम का इंतज़ार करते हैं. इसलिए, कोशिशें हमेशा होती रहती हैं, लेकिन हम किसी भी स्थिति के लिए तैयार और सतर्क हैं.'
आईजी बीएसएफ ने कहा, 'सेना के साथ मिलकर हम नियंत्रण रेखा पर बहुत अच्छी तरह से अपना दबदबा बनाए हुए हैं. सुरक्षा बलों ने इस साल अब तक घुसपैठ की दो कोशिशों को नाकाम कर दिया है. जिस सतर्कता के साथ हम अपना कर्तव्य निभाते हैं और हमारे पास नई कार्यप्रणाली और नए निगरानी उपकरण हैं, उसके कारण हमारे एओआर में घुसपैठ करना बहुत मुश्किल है.'