नई दिल्ली: कई दिनों तक चली उड़ान रद्दीकरण और देरी की भारी समस्या के बाद इंडिगो ने दावा किया है कि उसकी सेवाएं अब सामान्य हो गई हैं. पायलटों की कमी और नई ड्यूटी लिमिटेशन नीति के कारण देशभर के बड़े एयरपोर्टों पर यात्रियों को काफी परेशानी झेलनी पड़ी.
इस बीच डीजीसीए ने एयरलाइन को स्पष्टीकरण देने के साथ-साथ उसका शेड्यूल भी कम करने का आदेश दिया है. सरकार ने कहा है कि यात्रियों को हुई असुविधा बर्दाश्त नहीं की जाएगी और कार्रवाई जारी रहेगी.
इंडिगो के सीईओ पीटर एल्बर्स ने मंगलवार को बताया कि एयरलाइन फिर से सामान्य गति से उड़ानें संचालित कर रही है. उन्होंने बताया कि एयरलाइन अब रोजाना 1,800 से अधिक उड़ानें चला रही है और 138 गंतव्यों के पूरे नेटवर्क को कवर कर रही है. एल्बर्स ने यह भी कहा कि कंपनी आंतरिक स्तर पर यह जांच कर रही है कि पायलटों की कमी की समस्या आखिर कैसे पैदा हुई.
उड़ानों में लगातार देरी और रद्दीकरण के बाद डीजीसीए ने इंडिगो को बड़ा निर्देश दिया है. नियामक संस्था ने एयरलाइन को अपनी दैनिक उड़ानों में 5% की कटौती करने के लिए कहा है. नवंबर महीने में स्वीकृत 64,346 उड़ानों में से इंडिगो केवल 59,438 ही उड़ा सकी थी, जबकि 951 उड़ानें रद्द करनी पड़ीं. डीजीसीए ने साफ कहा कि एयरलाइन अपनी स्वीकृत उड़ानों का संचालन कुशलता से नहीं कर सकी.
नागरिक उड्डयन मंत्री राममोहन नायडू ने लोकसभा में बताया कि इंडिगो की स्थिति अब तेजी से सुधर रही है और अन्य सभी एयरलाइंस भी सुचारू रूप से काम कर रही हैं. उन्होंने कहा कि देश के सभी एयरपोर्टों पर हालात सामान्य हैं और भीड़भाड़ जैसी कोई समस्या नहीं है. मंत्री ने यह भी बताया कि इंडिगो के शीर्ष प्रबंधन को शो-कॉज नोटिस भेजा गया है और जांच जारी है.
सरकार ने स्पष्ट किया कि 5 से 15 दिसंबर के बीच रद्द हुई उड़ानों का रिफंड प्राथमिकता से दिया जा रहा है. मंत्रालय की निगरानी में इंडिगो ने अब तक 750 करोड़ रुपये से अधिक राशि यात्रियों को वापस कर दी है. इसके अलावा बैगेज ट्रेसिंग और अन्य यात्री सहायता सेवाओं पर भी विशेष ध्यान दिया जा रहा है. मंत्री ने कहा कि सुरक्षा से जुड़े नियमों पर कोई समझौता नहीं होगा और सभी एयरलाइंस को नए रोस्टरिंग मानकों का सख्ती से पालन करना होगा.
एयरलाइन ने आश्वस्त किया है कि वह नए ड्यूटी नियमों का पालन करते हुए सर्दियों के संचालन के लिए पूरी तरह तैयार है. कंपनी का कहना है कि अब पायलट और क्रू प्रबंधन को लेकर दोबारा ऐसी समस्या न हो, इसके लिए प्रक्रियात्मक बदलाव किए जा रहे हैं. एयरलाइन ने वादा किया है कि यात्रियों की सुविधा और सुरक्षा उसकी सर्वोच्च प्राथमिकता रहेगी.