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India Daily

अंतरिक्ष से सीधी बात! भारतीय एस्ट्रोनॉट शुभांशु शुक्ला छात्रों और इसरो के वैज्ञानिकों से करेंगे संवाद

इंडियन एस्ट्रोनोट शुभांशु शुक्ला शुक्रवार को स्कूली बच्चों और ISRO के वैज्ञानिकों से हम रेडियो के माध्यम से संवाद करेंगे. यह इंटरेक्शन Axiom-4 मिशन के तहत हो होगा.

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Edited By: Kuldeep Sharma
Shubhanshu Shukla
Courtesy: web

Axiom-4 अंतरिक्ष मिशन में शामिल भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला इस समय अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) पर मौजूद हैं. इस मिशन का उद्देश्य वैज्ञानिक प्रयोगों के जरिए अंतरिक्ष में जीवन के लिए जरूरी जानकारियां इकट्ठा करना है. इसी क्रम में शुभांशु अब भारतीय छात्रों और वैज्ञानिकों से संवाद करेंगे.

शुक्रवार को शुभांशु शुक्ला छात्रों और इसरो वैज्ञानिकों से संपर्क करेंगे. यह संपर्क हम रेडियो के ज़रिए किया जाएगा, जिसकी व्यवस्था बेंगलुरु के यू आर राव सैटेलाइट सेंटर में की गई है. इस कार्यक्रम को ARISS यानी ‘Amateur Radio on International Space Station’ संचालित कर रहा है. हम रेडियो एक ऐसा माध्यम है, जो आपदा जैसी स्थितियों में भी काम करता है.

स्पेस में चल रहे वैज्ञानिक प्रयोग

Axiom-4 मिशन के दौरान शुक्ला और उनकी टीम कई वैज्ञानिक अध्ययन कर रही है. हाल ही में उन्होंने माइक्रोएल्गी पर एक प्रयोग किया, जो यह समझने में मदद करेगा कि अंतरिक्ष में शैवाल किस तरह से व्यवहार करते हैं. भविष्य में यह शैवाल लंबी अवधि के अंतरिक्ष अभियानों के लिए पोषक और टिकाऊ भोजन बन सकते हैं.

अंतरिक्ष और स्वास्थ्य पर शोध

मिशन के अन्य प्रयोगों में 'न्यूरो मोशन वीआर' नामक प्रोजेक्ट भी शामिल है, जिसमें अंतरिक्ष यात्री ध्यान केंद्रित करने वाले कार्यों के दौरान VR हेडसेट पहनते हैं और उनके मस्तिष्क की गतिविधियों पर नजर रखी जाती है. इसके साथ ही यह भी अध्ययन किया जा रहा है कि अंतरिक्ष में रहने से हृदय और शरीर के संतुलन प्रणाली पर क्या प्रभाव पड़ता है.