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India Daily

India-US Relation: भारत नहीं आएगी यूएस डेलिगेशन टीम! व्यापार वार्ता पर संकट गहराया, टैरिफ पर टेंशन बरकरार

उन्होंने चेतावनी भी दी कि अगर जरूरी हुआ तो सेकेंडरी सैंक्शन लगाए जा सकते हैं. यह बयान ऐसे समय आया है जब भारत ने अगस्त के पहले 15 दिनों में रूस से रिकॉर्ड 18 लाख बैरल प्रतिदिन तेल खरीदा है.

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Edited By: Reepu Kumari
India- US trade
Courtesy: Pinterest

India- US trade: भारत और अमेरिका के बीच चल रही व्यापार वार्ता पर अनिश्चितता के बादल मंडराने लगे हैं. फरवरी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अमेरिका यात्रा के बाद दोनों देशों ने एक व्यापक द्विपक्षीय व्यापार समझौते (BTA) की दिशा में तेजी से कदम बढ़ाए थे, लेकिन अब हालात बदलते दिख रहे हैं. अमेरिका ने 25 से 30 अगस्त तक प्रस्तावित अपने व्यापार प्रतिनिधिमंडल की भारत यात्रा को स्थगित कर दिया है. इसके चलते बीटीए के छठे दौर की वार्ता भी टल गई है. सूत्रों के मुताबिक अमेरिका की ओर से औपचारिक पुष्टि अभी तक नहीं भेजी गई है, लेकिन जल्द ही इसकी घोषणा की संभावना है. अनुमान है कि अब इस वार्ता के लिए कोई नई तारीख आगे तय की जाएगी.

एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक निकट भविष्य में भारत को टैरिफ में किसी तरह की राहत मिलने की उम्मीद नहीं है. यह फैसला ऐसे समय में लिया गया है जब अमेरिका ने भारत से जुड़े कई सामानों पर 25% का नया टैरिफ लगाने की तैयारी की है. इस कदम ने दोनों देशों के बीच पहले चरण के समझौते को शरद ऋतु तक पूरा करने के लक्ष्य को भी संदिग्ध बना दिया है. रूस से कच्चे तेल की खरीद को लेकर अमेरिका के सख्त रुख ने इस विवाद को और गहरा दिया है.

द्विपक्षीय व्यापार समझौते पर असर

अमेरिकी सहायक व्यापार प्रतिनिधि ब्रेंडन लिंच की अगुवाई में टीम अगस्त के अंत में भारत आने वाली थी. यह बैठक बढ़ते व्यापारिक तनाव को कम करने का एक अहम मंच मानी जा रही थी. लेकिन यात्रा स्थगित होने से वस्तु व्यापार समेत कई क्षेत्रों को कवर करने वाले पहले चरण का समझौता भी प्रभावित हो सकता है. अब इसके वर्ष के अंत तक लागू होने की संभावना बेहद कम हो गई है.

अमेरिकी टैरिफ और रूस से तेल आयात

अमेरिका ने 7 अगस्त से भारत पर प्रारंभिक 25% टैरिफ लागू कर दिया है, जिसे "जवाबी टैरिफ" कहा गया. इसके अलावा 27 अगस्त से रूस से आयात होने वाले तेल पर अतिरिक्त 25% शुल्क लगने वाला है. अमेरिका का कहना है कि यह कदम भारत की रूसी तेल पर निर्भरता को रोकने और व्यापार असंतुलन को कम करने के लिए उठाया गया है.

भारत का सख्त रुख

भारत ने अमेरिकी टैरिफ को अनुचित और अव्यावहारिक करार दिया है. सरकार का कहना है कि यूरोपीय संघ, चीन और अमेरिका खुद भी रूस से सामान खरीदते हैं, तो केवल भारत को निशाना बनाना गलत है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस पर कहा था कि किसानों और ग्रामीण समुदायों के हितों से कोई समझौता नहीं किया जाएगा. अधिकारी साफ कर चुके हैं कि भारत रूस से तेल खरीदना बंद नहीं कर सकता क्योंकि यह आर्थिक रूप से आवश्यक है.

ट्रंप का बयान और संभावित राहत

हाल ही में राष्ट्रपति ट्रंप ने फॉक्स न्यूज से बातचीत में संकेत दिए कि संभव है अमेरिका रूस से तेल खरीदने वाले देशों पर द्वितीयक शुल्क न लगाए. हालांकि उन्होंने चेतावनी भी दी कि अगर जरूरी हुआ तो सेकेंडरी सैंक्शन लगाए जा सकते हैं. यह बयान ऐसे समय आया है जब भारत ने अगस्त के पहले 15 दिनों में रूस से रिकॉर्ड 18 लाख बैरल प्रतिदिन तेल खरीदा है.