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India Daily

'यह संबंधों को सामान्य बनाने में मददगार नहीं', शंघाई में अरुणाचल की महिला को चीन द्वारा हिरासत में लिए जाने पर भारत की दो टूक

भारत ने शंघाई एयरपोर्ट पर अरुणाचल प्रदेश की प्रेमा वांगजोम थोंगडोक के साथ चीन के अनुचित व्यवहार पर कड़ी नाराजगी जताई. विदेश मंत्रालय ने कहा कि यह कदम दोनों देशों के संबंधों को सामान्य करने में सहायक नहीं है.

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Edited By: Kanhaiya Kumar Jha
randheer jaiswal
Courtesy: Social Media

नई दिल्ली: विदेश मंत्रालय ने बुधवार को कहा कि अरुणाचल प्रदेश की प्रेमा वांगजोम थोंगडोक को शंघाई पुडोंग एयरपोर्ट पर हिरासत में लेने जैसी घटनाएं भारत-चीन संबंधों को सामान्य करने में सहायक नहीं हैं. मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने बताया कि चीन के अधिकारियों का यह रवैया दोनों देशों के बीच बढ़ती कूटनीतिक तनाव की वजह बन सकता है.

रणधीर जायसवाल ने स्पष्ट किया कि प्रेमा के साथ शंघाई एयरपोर्ट पर जो व्यवहार हुआ, वह पूरी तरह अस्वीकार्य था. प्रेमा वांगजोम थोंगडोक यूके स्थित ACA ग्रुप के लिए IFPR रिपोर्टिंग और प्रूडेंशियल कार्य का नेतृत्व करती हैं. एयरपोर्ट स्टाफ और इमिग्रेशन अधिकारियों ने उनके भारतीय राष्ट्रीयता का मजाक उड़ाया और कहा कि उनका वीजा स्वीकार नहीं किया जा सकता. प्रवक्ता ने कहा कि इस प्रकार की हरकतें दोनों देशों के रिश्तों को सामान्य बनाने के प्रयासों के खिलाफ हैं.

भारत-चीन संबंधों पर असर

जायसवाल ने यह भी रेखांकित किया कि अक्टूबर 2024 के बाद भारत और चीन ने बॉर्डर पर शांति और स्थिरता बनाए रखने के लिए मिलकर काम किया है. भारत हमेशा इस बात पर जोर देता रहा है कि चीन के साथ रिश्तों का सकारात्मक विकास तभी संभव है जब सीमा पर शांति बनी रहे. इस घटना से स्पष्ट है कि व्यक्तिगत स्तर पर हुई कोई भी कार्रवाई व्यापक कूटनीतिक संबंधों पर असर डाल सकती है.

प्रेमा का बयान और भारतीय कूटनीतिक प्रतिक्रिया

प्रेमा इस महीने की शुरुआत में शंघाई के रास्ते जापान जा रही थीं, तभी उन्हें चीनी अधिकारियों द्वारा वीजा से संबंधित परेशानियों का सामना करना पड़ा. उन्होंने मीडिया से बात करते हुए अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की और इस मुद्दे को अंतरराष्ट्रीय मंच पर उठाने का आह्वान किया. इसके बाद भारतीय अधिकारियों ने चीन के समक्ष कड़ा विरोध दर्ज कराया और इस बात पर जोर दिया कि अरुणाचल प्रदेश बिना किसी शक के भारतीय क्षेत्र है.

इस पूरी घटना ने भारत-चीन संबंधों में नई चुनौतियां पेश की हैं. विदेश मंत्रालय ने संकेत दिया है कि ऐसे मामलों को हल करने के लिए कूटनीतिक स्तर पर बातचीत और कानूनी माध्यमों का सहारा लिया जाएगा. वहीं, यह मामला सीमा विवादों के अलावा नागरिक अधिकारों और यात्रा सुरक्षा से जुड़े मुद्दों पर भी ध्यान आकर्षित करता है.