Bharatiya Nyaya Sanhita: केंद्र सरकार ने तीन नए आपराधिक कानून को 1 जुलाई से लागू करने के लिए अधिसूचना जारी की है. तीनों नए आपराधिक कानून भारतीय दंड संहिता की जगह लेंगे. बता दें कि इन तीनों कानून तो संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान पारित किया गया था. 25 दिसंबर को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने इन तीनों कानूनों पर अपनी सहमति दी थी.
राष्ट्रपति की मंजूरी मिलने के बाद ये तीनों नए आपराधिक न्याय विधेयक कानून बन गए थे. इनमें भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम शामिल हैं. केंद्र सरकार की ओर से अधिसूचना जारी होने के बाद ये तीनों कानून अब पुराने कानूनों की जगह लेंगे.
केंद्र सरकार ने अधिसूचित किया है कि #नए_आपराधिक_कानून - भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम 1 जुलाई 2024 से लागू होंगे।#गृह_मंत्रालय ने इन तीनों कानूनों के लागू होने की तारीख को लेकर तीन अधिसूचनाएं जारी की। #Newcriminallaws pic.twitter.com/bPbPodsy4f
— आकाशवाणी समाचार (@AIRNewsHindi) February 24, 2024
भारतीय न्याय संहिता में कई नए अपराध को शामिल किया गया है तो वहीं, दूसरी तरफ आईपीसी में मौजूद 19 प्रावधानों को हटाया गया है. इसके अलावा कुछ अपराधों में कैद की सजा तो कुछ में जुर्माने की सजा बढ़ाई गई है. वहीं, दूसरी तरफ 23 अपराधों में अनिवार्य न्यूनतम सजा का प्रावधान है और 6 अपराधों में 'सामुदायिक सेवा' की सजा का प्रावधान है. इस कानून में हिट-एंड-रन, भड़काऊ भाषण और जघन्य अपराध के मामले में सजा को और सख्त किया गया है.
भारतीय नागरिक सुरक्षा: यह कानून में अपराधों की जांच में तेज और प्रभावी कार्रवाई को बढ़ावा देने का प्रावधान है. इसमें जमानत याचिकाओं पर त्वरित सुनवाई और जांच प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए विशेष जांच दल (SIT) बनाने का प्रावधान शामिल है.
भारतीय साक्ष्य संहिता: यह कानून डिजिटल और इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्यों को मान्यता देता है, जिससे जांच और मुकदमों को आसान बनाता है.
IPC में पहले 511 थीं, वहीं बीएनएस में 358 धाराएं होंगी. इसमें 21 नए अपराध जोड़े गए हैं. 41 अपराधों में कारावास की अवधि बढ़ाई गई है. 82 अपराधों में जुर्माना की राशि बढ़ाई गई है. 25 अपराधों में जरूरी न्यूनतम सजा शुरू की गई है. तो वहीं 6 अपराधों में सामुदायिक सेवा का दंड रहेगा और 19 धाराओं को खत्म कर दिया गया है.
CRPC की अगर हम बात करें को इसमें पहले 484 धाराएं थीं लेकिन अब भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता में 531 धाराएं होंगी. इसमें 177 धाराओं को बदला गया है तो वहीं 14 को खत्म कर 9 नई धाराओं को जोड़ा गया है.
इंडियन एविडेंस एक्ट जो कि सबूतों से जुड़ा है उसमें भी 24 धाराओं में बदलाव कर 6 को खत्म किया गया है तो 2 नई धाराओं को जोड़ा भी गया है. इसके चलते जहां पहले भारतीय साक्ष्य संहिता में 167 धाराएं थी तो अब वहीं पर 170 धराएं होंगी.