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भारत ने रच दिया इतिहास, बनाई पहली स्वदेशी माइक्रोचिप विक्रम-3201, पीएम बोले- भारत की तस्वीर बदलने में साबित होगी 'गेम चेंजर'

कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने माइक्रोप्रोसेसर को 'डिजिटल डायमंड' करार दिया. पीएम ने कहा कि पिछली सदि को तेल ने आकार दिया था लेकिन यह सदि इन छोटी चिप द्वारा आकार दी जा रही है.

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Edited By: Sagar Bhardwaj
India made first indigenous microchip Vikram-3201, PM NARENDRA Modi said - it will a 'game changer'
Courtesy: India made first indigenous microchip Vikram-3201, PM NARENDRA Modi said - it will a 'game changer'

भारत ने सेमीकंडक्टर और अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है. सेमिकॉन इंडिया 2025 के मंच पर केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने देश के पहले स्वदेशी 32-बिट माइक्रोप्रोसेसर 'विक्रम 3201' को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सौंपा. कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने माइक्रोप्रोसेसर को 'डिजिटल डायमंड' करार दिया. पीएम ने कहा कि पिछली सदि को तेल ने आकार दिया था लेकिन यह सदि इन छोटी चिप द्वारा आकार दी जा रही है. पीएम ने कहा कि हमारी कलाई पर घड़ी से लेकर गैराज में खड़ी गाड़ी और अस्पताल में मौजूद जीवन रक्षक सामानों तक सब कुछ माइक्रोचिप्स पर निर्भर है.भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) और चंडीगढ़ की सेमीकंडक्टर लैबोरेटरी (SCL) द्वारा विकसित यह चिप आत्मनिर्भर भारत के सपने को साकार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है.

विक्रम 3201 की तकनीकी विशेषताएं

विक्रम 3201 को अंतरिक्ष की कठिन परिस्थितियों, जैसे अत्यधिक तापमान (-55 डिग्री सेल्सियस से +125 डिग्री सेल्सियस) और उच्च विकिरण को सहने के लिए डिजाइन किया गया है. 180 नैनोमीटर सीएमओएस तकनीक पर आधारित यह चिप 64-बिट फ्लोटिंग-पॉइंट ऑपरेशंस, एडा प्रोग्रामिंग समर्थन और 1553बी बस इंटरफेस जैसे उन्नत फीचर्स से युक्त है. यह रॉकेट और सैटेलाइट के नेविगेशन, नियंत्रण और डेटा प्रोसेसिंग में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है.

अंतरिक्ष मिशनों में साबित की अपनी दक्षता

विक्रम 3201 ने पीएसएलवी-सी60 मिशन के दौरान पीएसएलवी ऑर्बिटल एक्सपेरिमेंटल मॉड्यूल (POEM-4) के मिशन मैनेजमेंट कंप्यूटर में अपनी दक्षता साबित की है. इसकी सफलता ने इसरो को भविष्य के चंद्रयान, गगनयान और अन्य मिशनों में इसका उपयोग बढ़ाने का आत्मविश्वास दिया है.

आत्मनिर्भर भारत का प्रतीक

इस चिप के साथ इसरो ने एक पूर्ण स्वदेशी इकोसिस्टम विकसित किया है, जिसमें एडा कंपाइलर, सिमुलेटर और डेवलपमेंट टूल्स शामिल हैं. यह न केवल अंतरिक्ष क्षेत्र में, बल्कि रक्षा, ऑटोमोटिव और ऊर्जा क्षेत्रों में भी भारत की आयात निर्भरता को कम करेगा.

पांच नई सेमीकंडक्टर इकाइयों की घोषणा

सेमिकॉन इंडिया 2025 में 1.60 लाख करोड़ रुपये से अधिक के निवेश के साथ पांच नई सेमीकंडक्टर इकाइयों की घोषणा की गई. विक्रम 3201 भारत को वैश्विक सेमीकंडक्टर बाजार में अग्रणी बनाने की दिशा में एक मील का पत्थर है.