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India Daily

BRO ने रचा इतिहास, लद्दाख के मिग ला पास पर 19,400 फीट की ऊंचाई पर बनाई दुनिया की सबसे ऊंची मोटरेबल सड़क

भारत ने एक बार फिर विश्व रिकॉर्ड अपने नाम कर लिया है. बॉर्डर रोड्स ऑर्गनाइजेशन (BRO) ने लद्दाख में 19,400 फीट की ऊंचाई पर मिग ला पास पर दुनिया की सबसे ऊंची मोटर योग्य सड़क का निर्माण किया है, जो पहले के रिकॉर्डधारी उमलिंग ला (19,024 फीट) से भी ऊंचा है.

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Edited By: Kuldeep Sharma
BRO builds world's highest motorable road
Courtesy: @adgpi

India Builds Worlds Highest Motorable Road: भारत की इंजीनियरिंग और जज्बे ने एक बार फिर दुनिया को हैरत में डाल दिया है. बॉर्डर रोड्स ऑर्गनाइजेशन (BRO) ने लद्दाख के पूर्वी क्षेत्र में मिग ला पास पर 19,400 फीट (5,913 मीटर) की ऊंचाई पर मोटर योग्य सड़क बनाकर नया विश्व रिकॉर्ड बनाया है.

यह सड़क न केवल BRO की तकनीकी क्षमता का उदाहरण है, बल्कि सीमांत इलाकों में रहने वाले लोगों के जीवन में बड़ा बदलाव लाने वाली साबित होगी.

मिग ला पास बना नया विश्व रिकॉर्डधारी

इससे पहले उमलिंग ला पास, जो 19,024 फीट की ऊंचाई पर स्थित था, दुनिया की सबसे ऊंची मोटर योग्य सड़क थी. लेकिन अब मिग ला पास ने इसे पीछे छोड़ दिया है. यह सड़क लिकारू-मिग ला-फुकचे मार्ग का हिस्सा है, जो हनले क्षेत्र को वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के पास बसे फुकचे गांव से जोड़ता है. प्रोजेक्ट हिमांक के तहत ब्रिगेडियर विशाल श्रीवास्तव के नेतृत्व में BRO की टीम ने इस निर्माण को पूरा किया. इस ऐतिहासिक सफलता का जश्न राष्ट्रीय ध्वज और BRO के झंडे को मिग ला पास पर फहराकर मनाया गया.

सामरिक दृष्टि से बेहद अहम

भारतीय सेना ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर इस उपलब्धि की घोषणा की और बताया कि यह सड़क न केवल इंजीनियरिंग की मिसाल है, बल्कि सीमावर्ती इलाकों के लिए रणनीतिक रूप से भी बेहद महत्वपूर्ण है. ADG PI - Indian Army ने पोस्ट किया- 'BRO ने एक बार फिर इतिहास रच दिया है. प्रोजेक्ट हिमांक के तहत बनाई गई मिग ला पास सड़क ने BRO के ही पिछले गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड को पार कर लिया है. यह नया मार्ग हनले से फुकचे को जोड़ने वाला तीसरा अहम एक्सिस होगा, जो लद्दाख में पर्यटन को भी नई ऊंचाई देगा और 'इंडियाज फर्स्ट विलेजेज' के विकास में योगदान देगा.'

कठिन परिस्थितियों में बनी सड़क

19,000 फीट से ज्यादा की ऊंचाई पर सड़क बनाना किसी चुनौती से कम नहीं था. यहां तापमान शून्य से काफी नीचे चला जाता है, ऑक्सीजन का स्तर समुद्र तल की तुलना में लगभग आधा होता है और तेज हवाएं लगातार चलती रहती हैं. ऐसे में BRO की टीम ने बर्फीले तूफानों और कठिन मौसम परिस्थितियों का सामना करते हुए काम पूरा किया. BRO के अधिकारियों के अनुसार, यह सड़क हनले और फुकचे जैसे इलाकों में रहने वाले लोगों के लिए वरदान साबित होगी, जो हर साल सर्दियों में बर्फबारी के कारण बाकी देश से कट जाते हैं. अब इस नए मार्ग से जरूरी सामान और सेवाएं पूरे साल पहुंचाई जा सकेंगी.

सीमा की सुरक्षा और पर्यटन दोनों को मिलेगा नया बल

विशेषज्ञों का मानना है कि यह सड़क न केवल सामरिक दृष्टि से उपयोगी है बल्कि लद्दाख में पर्यटन को भी नई दिशा देगी. ऊंचाई और प्राकृतिक सौंदर्य के कारण यह मार्ग भविष्य में साहसिक पर्यटकों के लिए भी आकर्षण का केंद्र बन सकता है. BRO का यह कदम देश की सीमाओं को मजबूत करने और सीमावर्ती नागरिकों के जीवन को बेहतर बनाने की दिशा में ऐतिहासिक उपलब्धि माना जा रहा है.