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एक साथ आए भारत -पाकिस्तान? डोनाल्ड ट्रंप की मांग का दोनों देशों ने किया विरोध, जानें क्या है पूरा मामला

Moscow Format Consultations: भारत और पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय मंच पर एक मुद्दे में एक साथ खड़े हैं. दोनों देशों के साथ-साथ रूस और चीन जैसे बड़े देश ने भी अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ आवाज उठाया है.

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Edited By: Shanu Sharma
Moscow Format Consultations
Courtesy: X (@IndEmbMoscow)

Moscow Format Consultations: भारत और पाकिस्तान के बीच इस समय तनावपूर्ण संबंध है. हालांकि इसी बीच भारत और पाकिस्तान एक मुद्दे पर साथ खड़ा है. भारत,  तालिबान, पाकिस्तान, रूस और चीन मिलकर अमेरिका का का विरोध कर रहा है. दरअसल, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अफगानिस्तान के बगराम एयरबेस पर कब्जा चाहते हैं, जिसका भारत की ओर से विरोध किया गया है.

मॉस्को फॉर्मेट वार्ता के दौरान कई देशों के समूह ने अफगानिस्तान में समृद्धि और विकास लाने के विषय पर चर्चा की.  इन देशों ने अफगानिस्तान में विदेशी सैन्य बुनियादी ढांचे तैनात करने के प्रयासों को पूरी तरह से नकार दिया. जिसमें कहा गया कि ऐसा करना क्षेत्रीय शांति और स्थिरता के हित में नहीं है. 

डोनाल्ड ट्रंप ने दी थी चेतावनी 

डोनाल्ड ट्रंप ने इस वार्ता से कुछ हफ्ते पहले कहा था कि तालिबान को बगराम एयरबेस अमेरिका को दे देना चाहिए. उन्होंने कहा कि इसे वॉशिंगटन द्वारा स्थापित किया गया था, इसलिए उन्हें ऐसा करना चाहिए. जिसके बाद यह मुद्दा अंतरराष्ट्रीय मंच पर चर्चा का विषय बन गया. सोशल मीडिया पर उन्होंने पोस्ट शेयर करते हुए यह चेतावनी भी दी थी कि अगर ऐसा नहीं किया गया तो इसके बुरे परिणाम हो सकते हैं. हालांकि ट्रंप की मांगो को खारिज करते हुए तालिबान के मुख्य प्रवक्ता जबीहुल्लाह मुजाहिद ने साफ कहा कि किसी भी स्थिति में वे अपनी जमीन को किसी और देश के हाथों में नहीं सौंपेंगे. 

आमिर खान मुत्ताकी का भारत दौरा 

तालिबान के विदेश मंत्री आमिर खान मुत्ताकी भी इस वार्ता में शामिल थे. इस वार्ता के दौरान द्विपक्षीय और बहुपक्षीय दोनों लेवल पर आतंकवाद के खिलाफ आवाज उठाए गए और आतंक-रोधी सहयोग को मजबूत करने की दिशा में आवाज उठाया गया. मॉस्को फॉर्मेट की सातवीं बैठक में भारत, रूस और चीन के अलावा, ईरान, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, पाकिस्तान, ताजिकिस्तान और उज़्बेकिस्तान भी शामिल था. इन देशों द्वारा अफगानिस्तान के आर्थिक संबंधों की आवश्यकता पर भी जोर डाला गया. भारतीय राजदूत विनय कुमार की ओर से अफगानिस्तान के सामाजिक-आर्थिक विकास और समृद्धि का समर्थन किया गया. बता दें कि तालिबान के विदेश मंत्री आमिर खान मुत्ताकी इस हफ्ते तक भारत की यात्रा पर आने वाले हैं.