ISKP LeT Alliance: पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI के संरक्षण में दो खतरनाक आतंकी संगठन, इस्लामिक स्टेट खुरासान प्रांत (ISKP) और लश्कर-ए-तैयबा (LeT) के बीच हाल ही में एक गठबंधन का खुलासा हुआ है. खुफिया रिपोर्ट के अनुसार, यह गठजोड़ सिर्फ बलूचिस्तान और अफगानिस्तान में अस्थिरता फैलाने तक सीमित नहीं है, बल्कि जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद को फिर से उभारने के पाकिस्तान के मंसूबों का हिस्सा भी है. ऑपरेशन सिंदूर और पिछले कुछ महीनों में हुए सीमापार आतंकवादी हमलों के बाद, यह नया गठजोड़ क्षेत्र में सुरक्षा चुनौतियों को और बढ़ा सकता है.
रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि ISKP और लश्कर कमांडरों के बीच हाल ही में हुई भेंट और हथियारों के आदान-प्रदान ने उनके सहयोग की पुष्टि की है. बलूचिस्तान में ISKP के ऑपरेशनल बेस और लश्कर के प्रशिक्षण नेटवर्क इस गठबंधन को मजबूत बनाने में अहम भूमिका निभा रहे हैं. विशेषज्ञों का मानना है कि यह गठबंधन पुराने अल-कायदा सहयोग का पुनरावृत्ति जैसा है, और भारत के लिए सीमा सुरक्षा और शांति के लिहाज से गंभीर खतरा बन सकता है.
हाल ही में आई एक तस्वीर में ISKP के बलूचिस्तान समन्वयक मीर शफीक मेंगल को लश्कर कमांडर राना मोहम्मद अशफाक को पिस्तौल भेंट करते देखा गया. यह प्रतीकात्मक घटना दोनों संगठनों के बढ़ते तालमेल को दिखाती है. मीर मेंगल बलूचिस्तान के मस्तुंग और खुजदार में ISKP संचालन का नेतृत्व कर रहा है, जबकि राना अशफाक नए आतंकी नेटवर्क तैयार करने और अन्य चरमपंथी गुटों से तालमेल स्थापित करने में जुटा है.
मस्तुंग और खुजदार में 2018 से ISKP के ऑपरेशनल बेस सक्रिय हैं, जिन्हें ISI द्वारा वित्तीय और हथियार सहायता दी जा रही है. मार्च 2025 में बलूच लड़ाकों ने ISKP ठिकानों पर हमला कर 30 आतंकियों को मार गिराया था. इसके जवाब में ISI ने लश्कर को हस्तक्षेप के निर्देश दिए. लश्कर भी बलूचिस्तान में लंबे समय से सक्रिय रहा है और इसका प्रशिक्षण केंद्र क्वेटा में 2002-2009 तक संचालित होता था.
ISKP की “यलगार” पत्रिका में भारत, विशेषकर जम्मू-कश्मीर में आतंक फैलाने की योजनाओं का उल्लेख है. खुफिया सूत्रों के अनुसार, यह गठबंधन क्षेत्रीय शांति को अस्थिर करने की पाकिस्तान सेना की रणनीति का हिस्सा है.
जून में राना मोहम्मद अशफाक द्वारा बुलाए गए 'जिगरा' में बलूच अलगाववादियों के खिलाफ जिहाद का ऐलान किया गया. मीर शफीक मेंगल और राना अशफाक की हालिया तस्वीर इस गठबंधन की औपचारिक पुष्टि करती है और भारत की सुरक्षा के लिए गंभीर खतरे का संकेत देती है.