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India Daily

और मजबूत हुए भारत और अफगानिस्तान के रिश्ते, इस कदम से बिलबिला उठेगा पाकिस्तान!

India Afghanistan Relation: भारत का यह कदम तालिबान के विदेश मंत्री आमिर खान मुत्ताकी की हालिया भारत यात्रा के बाद आया है. मुत्ताकी ने 9 से 15 अक्टूबर के बीच नई दिल्ली का दौरा किया था

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Edited By: Kanhaiya Kumar Jha
S jayshankar & Muttaki
Courtesy: X

India Afghanistan Relation: भारत ने मंगलवार को अफ़ग़ानिस्तान में अपनी राजनयिक उपस्थिति को एक बड़ा विस्तार देते हुए काबुल स्थित तकनीकी मिशन को पूर्ण दूतावास का दर्जा दे दिया. यह कदम तालिबान शासन के साथ भारत के संबंधों में एक महत्वपूर्ण मोड़ के रूप में देखा जा रहा है. हालांकि भारत ने अब तक तालिबान सरकार को औपचारिक मान्यता नहीं दी है, लेकिन यह फैसला दोनों देशों के बीच बढ़ते संपर्कों का संकेत देता है.

विदेश मंत्रालय द्वारा जारी बयान में कहा गया कि अफग़ानिस्तान के विदेश मंत्री की हालिया भारत यात्रा के दौरान घोषित निर्णय को ध्यान में रखते हुए, सरकार तत्काल प्रभाव से काबुल में भारत के तकनीकी मिशन को अफग़ानिस्तान में भारतीय दूतावास के रूप में बहाल कर रही है. मंत्रालय ने यह भी जोड़ा कि यह निर्णय आपसी हितों के सभी क्षेत्रों में द्विपक्षीय संबंधों को गहरा करने की भारत की प्रतिबद्धता को दर्शाता है.

वरिष्ठ राजनयिक करेंगे दूतावास का नेतृत्व

बयान के अनुसार, काबुल स्थित दूतावास अफ़ग़ानिस्तान के विकास, मानवीय सहायता और क्षमता निर्माण से जुड़ी पहलों में भारत के योगदान को और मजबूत करेगा. दूतावास का नेतृत्व एक वरिष्ठ राजनयिक करेंगे, जिन्हें चार्ज डी'एफ़ेयर का दर्जा दिया जाएगा. फिलहाल, तालिबान को औपचारिक मान्यता न मिलने के कारण किसी राजदूत की नियुक्ति की संभावना नहीं है.

गौरतलब है कि अगस्त 2021 में तालिबान के सत्ता में आने के बाद भारत ने सुरक्षा कारणों से अफ़ग़ानिस्तान से अपने सभी राजनयिकों को वापस बुला लिया था और सभी मिशन बंद कर दिए थे. जून 2022 में भारत ने एक मध्यम श्रेणी के अधिकारी के नेतृत्व में तकनीकी टीम भेजकर सीमित रूप में अपनी उपस्थिति बहाल की थी.

तालिबान के विदेश मंत्री आमिर खान मुत्ताकी ने हाल ही में की थी भारत यात्रा

भारत का यह कदम तालिबान के विदेश मंत्री आमिर खान मुत्ताकी की हालिया भारत यात्रा के बाद आया है. मुत्ताकी ने 9 से 15 अक्टूबर के बीच नई दिल्ली का दौरा किया था, जो तालिबान शासन के किसी वरिष्ठ सदस्य की पहली भारत यात्रा थी. इस दौरान उनकी मुलाकात विदेश मंत्री एस. जयशंकर से हुई थी, जिन्होंने काबुल में भारत की राजनयिक भूमिका को बढ़ाने की बात कही थी.

यात्रा के बाद मुत्ताकी ने कहा था कि अफ़ग़ानिस्तान, भारत के साथ संबंधों को आगे बढ़ाने के लिए नई दिल्ली स्थित दूतावास में अपने राजनयिक भेजेगा. साथ ही उन्होंने भरोसा दिलाया कि अफ़ग़ानिस्तान की धरती का इस्तेमाल किसी भी देश के खिलाफ नहीं होने दिया जाएगा. अफ़ग़ानिस्तान और पाकिस्तान के बीच हाल के तनावपूर्ण संबंधों की पृष्ठभूमि में भारत का यह निर्णय दक्षिण एशिया की कूटनीति में नई दिशा तय कर सकता है.