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भारत में 5 बार ऐसी कांपी धरती कि हजारों को निगला: मचाया तांडव, भूकंप के बारे में जानकर कांप जाएगी आपकी रूह

India Earthquakes: भारत में प्राकृतिक आपदाओं का अपना अलग इतिहास है. खास तौर पर विनाशकारी भूकंपों ने भी धरती को हिलाकर देश में अमिट छाप छोड़ी है. आज तेलंगाना के लोगों ने भूकंप के तीव्र झटकों को महसूस किया. यहां भारत में आए 5 सबसे बड़े भूकंप की चर्चा कर रहे हैं. 

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Edited By: Kamal Kumar Mishra
India Earthquakes
Courtesy: India Daily

India Earthquakes: आज तेलंगाना में आए भूकंप की घटना के अलावा देश ने और भी कई शक्तिशाली भूकंपीय घटनाओं का अनुभव किया है. इसमें से कई ऐसे भूकंप हैं, जिनकी कहानी आज के दौर में भी कही और सुनी जाती है. इस लेख में हम भारत को हिलाकर रख देने वाले 5 सबसे भयानक भूकंपों के इतिहास पर चर्चा करेंगे.


भुज भूकंप (2001)

26 जनवरी, 2001 को गुजरात राज्य के भुज क्षेत्र में 7.7 तीव्रता का विनाशकारी भूकंप आया था, जिसमें 20 हजार से अधिक लोगों की जान चली गई और अनगिनत लोग घायल हो गए. भूकंप ने व्यापक विनाश किया. पूरे के पूरे गांव जमींदोज हो गए और महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे जैसे- अस्पताल और स्कूल को गंभीर नुकसान पहुंचा.

उत्तरकाशी भूकंप (1991)

20 अक्टूबर, 1991 को उत्तराखंड राज्य के उत्तरकाशी जिले में 6.8 तीव्रता का भूकंप आया, जिसके परिणामस्वरूप 2 हजार से अधिक लोगों की जान चली गई और कई इमारतें और घर नष्ट हो गए. इस आपदा ने हिमालयी क्षेत्र की संवेदनशीलता और बेहतर भूकंपीय जोखिम आकलन और जोखिम प्रबंधन रणनीतियों की आवश्यकता पर प्रकाश डाला गया.

असम भूकंप (1950)

15 अगस्त, 1950 को पूर्वोत्तर राज्य असम में 8.6 तीव्रता का शक्तिशाली भूकंप आया, जिससे पूरे क्षेत्र में बड़े पैमाने पर भूस्खलन और सुनामी आई. इस भूकंप ने 1,500 से ज़्यादा लोगों की जान ले ली और हज़ारों लोग घायल हो गए. इस आपदा में बुनियादी ढांचे को भी काफ़ी नुकसान पहुंचा और अनगिनत लोगों की ज़िंदगी अस्त-व्यस्त हो गई.

बिहार भूकंप (1934)

15 जनवरी, 1934 को भारत और नेपाल के बीच सीमा क्षेत्र में 8.7 तीव्रता का विनाशकारी भूकंप आया, जिससे बिहार और पश्चिम बंगाल के राज्य प्रभावित हुए. इस भूकंप में मरने वालों की संख्या 10 हजार से 30 हजार के बीच होने का अनुमान है. इस भूकंप से बहुत ज़्यादा नुकसान हुआ, जिसमें कई महत्वपूर्ण इमारतें ढह गईं और संचार नेटवर्क बाधित हो गए.

कांगड़ा भूकंप (1905)

4 अप्रैल, 1905 को उत्तरी राज्य हिमाचल प्रदेश की कांगड़ा घाटी में 7.8 तीव्रता का एक बड़ा भूकंप आया था. रिपोर्टों के अनुसार, भूकंप ने 20,000 से ज़्यादा लोगों की जान ले ली और तबाही का एक ऐसा मंज़र छोड़ा, जिसमें पूरे के पूरे गांव तबाह हो गए और बुनियादी ढांचे को व्यापक नुकसान पहुंचा. इस घटना ने हिमालयी क्षेत्र की कमज़ोरी और बेहतर आपदा तैयारियों की तत्काल जरूरत पर प्रकाश डाला.