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India Daily

जुलाई में भी नहीं थमेगा बारिश का दौर, कहीं मौसम होगा सुहावना तो कहीं बाढ़ का खतरा; IMD ने जारी किया अलर्ट

भारत में जुलाई के महीने में सामान्य से अधिक बारिश होने की संभावना है, लेकिन पूर्वोत्तर भारत के ज्यादातर हिस्से, बिहार, पश्चिम बंगाल, दक्षिणी तटीय भारत और कुछ उत्तरी पश्चिमी इलाकों में सामान्य से कम बारिश का अनुमान है.

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Edited By: Princy Sharma
Monsoon In July Update
Courtesy: Pinterest

Monsoon In July Update: भारत में जुलाई के महीने में सामान्य से अधिक बारिश होने की संभावना है, लेकिन पूर्वोत्तर भारत के ज्यादातर हिस्से, बिहार, पश्चिम बंगाल, दक्षिणी तटीय भारत और कुछ उत्तरी पश्चिमी इलाकों में सामान्य से कम बारिश का अनुमान है. भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने सोमवार को यह जानकारी दी और नागरिकों को सतर्क रहने की चेतावनी दी है, खासकर मध्य भारत, उत्तराखंड और हरियाणा में बाढ़ का खतरा बढ़ सकता है.

मौसम विभाग के प्रमुख मृदुंयजय महापात्रा ने कहा, 'देश के अधिकांश हिस्सों में जुलाई में सामान्य से अधिक बारिश होगी, जो कृषि और जल संसाधनों के लिए फायदेमंद साबित हो सकती है, लेकिन इसके साथ ही बाढ़, भूस्खलन, परिवहन की समस्या, स्वास्थ्य संबंधित चुनौतियां और Ecosystem को नुकसान जैसे खतरे भी बढ़ सकते हैं.'

बाढ़ का खतरा 

विभाग ने खासतौर पर कुछ क्षेत्रों में बाढ़ के खतरों को लेकर चेतावनी दी है और साथ ही स्थानीय प्रशासन से इन्फ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने, IMD की पूर्व चेतावनियों का सही इस्तेमाल करने, निगरानी प्रणाली को और मजबूत करने और संवेदनशील क्षेत्रों में प्रतिक्रिया तंत्र तैयार करने की अपील की है.

नदियों के आसपास इलाकों पर निगरानी

मौसम विभाग ने खासतौर पर गोदावरी, महानदी और कृष्णा जैसी प्रमुख नदियों के आसपास इलाकों में निगरानी बढ़ाने की सलाह दी है. महापात्रा ने बताया कि हमारे मॉडल्स के अनुसार, महानदी के ऊपरी इलाकों में सामान्य से अधिक बारिश होने की संभावना है, जिसमें छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश शामिल हैं.

कैसी होगी जुलाई में बारिश?

इस महीने, जुलाई में देशभर में मानसून बारिश की मात्रा 106% तक हो सकती है, जो कि 1971-2020 के औसत (LPA) से अधिक है. जुलाई में बारिश की सबसे अधिक औसत मात्रा होती है, जो 28 सेंटीमीटर के आसपास रहती है. जून में भी देशभर में सामान्य से अधिक बारिश रिकॉर्ड की गई थी, जिसमें उत्तर-पश्चिम भारत ने 42% अधिक बारिश दर्ज की थी. इस साल जून में हुई अच्छी बारिश का असर कृषि पर भी पड़ा है. इस समय तक की गई खरीफ फसलों की बुआई 262 लाख हेक्टेयर पर हो चुकी है, जो पिछले साल के मुकाबले 27 लाख हेक्टेयर अधिक है.

कुल मिलाकर, आने वाले समय में बाढ़ और सूखे के खतरों को लेकर सरकार और नागरिकों को पूरी सतर्कता बरतने की जरूरत है, ताकि नुकसान को कम किया जा सके और किसानों की मेहनत को सुरक्षित रखा जा सके.