नई दिल्ली: भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने चेतावनी जारी करते हुए कहा है कि बंगाल की खाड़ी में बना गहरा दबाव सोमवार तक चक्रवाती तूफान ‘मोन्था’ में तब्दील हो सकता है. यह चक्रवात 28 अक्टूबर की शाम या रात को आंध्र प्रदेश के काकीनाडा तट के पास 90 से 110 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दस्तक दे सकता है.
इसके प्रभाव से ओडिशा, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश और पुडुचेरी में अगले कुछ दिनों तक भारी से बहुत भारी बारिश होने की संभावना जताई गई है. IMD के अनुसार, चक्रवात मंगलवार शाम या रात को मछलीपट्टनम और कलिंगपट्टनम के बीच आंध्र तट से टकरा सकता है.
रायलसीमा, तमिलनाडु, केरल और माहे – 27 से 28 अक्टूबर तक भारी वर्षा
तटीय कर्नाटक – 26 से 28 अक्टूबर तक
तटीय आंध्र प्रदेश और यनम – 26 से 30 अक्टूबर तक
तेलंगाना और ओडिशा – 27 से 30 अक्टूबर तक
छत्तीसगढ़ – 27 से 30 अक्टूबर तक
मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू ने सभी जिला कलेक्टरों, पुलिस अधीक्षकों और वरिष्ठ अधिकारियों के साथ आपात बैठक कर तैयारियों की समीक्षा की. उन्होंने कहा कि चक्रवात का असर श्रीकाकुलम से तिरुपति तक फैल सकता है, जहां 100 मिमी तक बारिश और 110 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलने की संभावना है.
नायडू ने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि तटीय क्षेत्रों के लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जाए, स्कूल-कॉलेजों में जरूरत पड़ने पर अवकाश घोषित किया जाए और जान-माल के नुकसान को रोकने के लिए सभी जरूरी एहतियात बरते जाएं.
राज्य के नागरिक आपूर्ति मंत्री एन. मनोहर ने बताया कि पीडीएस वस्तुओं का भंडारण, ईंधन प्रबंधन, राहत शिविरों के लिए खाद्य सामग्री और चक्रवात के बाद राहत वितरण की व्यवस्था की जा चुकी है.
ओडिशा सरकार ने चक्रवात को देखते हुए अपनी आपदा तैयारी प्रणाली को सक्रिय कर दिया है. गंजम, गजपति, रायगढ़, कोरापुट और मलकानगिरी जिलों में रेड अलर्ट (20 सेमी या उससे अधिक वर्षा) पुरी, खुर्दा, नयागढ़, कालाहांडी, कंधमाल और नवरंगपुर में ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है. 29 अक्टूबर को भी रायगढ़, कालाहांडी, नवरंगपुर, कोरापुट और मलकानगिरी में रेड अलर्ट रहेगा. ओडिशा आपदा त्वरित कार्रवाई बल (ODRAF) को हाई अलर्ट पर रखा गया है. आपातकालीन विभाग ने जनसहायता के लिए हेल्पलाइन नंबर भी जारी किया है.
राजस्व एवं आपदा प्रबंधन मंत्री सुरेश पुजारी ने कहा कि राहत सामग्री, दवाएं और अन्य आवश्यक वस्तुएं पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हैं. उन्होंने बताया कि 15 जिलों के प्रभावित होने की संभावना है और सभी टीमें सतर्क हैं.
कैबिनेट सचिव टी.वी. सोमनाथन ने आसन्न चक्रवात को लेकर समीक्षा बैठक की और राज्यों को निर्देश दिया कि शून्य जनहानि और न्यूनतम संपत्ति नुकसान को प्राथमिकता दी जाए. तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, पुडुचेरी और ओडिशा की सरकारों को निकासी योजनाएं सक्रिय करने, राहत शिविर तैयार रखने और नियंत्रण कक्षों को सक्रिय करने के निर्देश दिए गए हैं.
IMD ने 26 से 29 अक्टूबर के बीच तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, पुडुचेरी (यानम) और ओडिशा के तटों पर मछुआरों को समुद्र में न जाने की सख्त चेतावनी दी है.
IMD के पूर्वी मुख्यालय के अनुसार, पश्चिम बंगाल के दक्षिण 24 परगना, पूर्व-पश्चिम मिदनापुर, झारग्राम, कोलकाता और हावड़ा जिलों में 29 से 31 अक्टूबर तक हल्की से मध्यम बारिश और कुछ स्थानों पर तेज हवाओं के साथ गरज-चमक की संभावना है.