नई दिल्ली: भारत निर्वाचन आयोग (ECI) सोमवार शाम 4:15 बजे देशभर में मतदाता सूची के विशेष गहन संशोधन (SIR) की तारीखों का ऐलान करेगा. प्रेस कॉन्फ्रेंस में मुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार, निर्वाचन आयुक्त सुखबीर सिंह संधु और विवेक जोशी पूरी जानकारी साझा करेंगे. पहले चरण में 10 से 15 राज्यों को शामिल किया जाएगा, जिसमें 2026 में विधानसभा चुनाव होने वाले प्रमुख राज्य शामिल हैं. आयोग का यह कदम मतदाता सूची की शुद्धता और चुनावी प्रक्रिया की पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है.
पहले चरण में तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल, केरल, असम और पुडुचेरी जैसे राज्य शामिल होंगे. इन राज्यों में विधानसभा चुनाव 2026 में होने हैं. SIR के दौरान नए मतदाताओं को पंजीकृत किया जाएगा, मृतकों के नाम हटाए जाएंगे और डुप्लीकेट प्रविष्टियां निकाली जाएंगी. आयोग की यह पहल चुनावी तैयारियों को समय पर सुनिश्चित करने के लिए अहम है. डिजिटल प्लेटफॉर्म और बूथ लेवल ऑफिसर्स की मदद से प्रक्रिया और तेज और पारदर्शी बनेगी.
मतदाता सूची की शुद्धता चुनाव की विश्वसनीयता के लिए जरूरी है. किसी भी त्रुटि से चुनाव परिणाम प्रभावित हो सकते हैं. आयोग ने पिछले वर्षों में डिजिटल तकनीक और ऑनलाइन पंजीकरण को बढ़ावा दिया है. SIR के तहत घर-घर सर्वेक्षण, फोटो आईडी अपडेट और दावे-आपत्तियों का निपटान होगा. यह प्रक्रिया सुनिश्चित करेगी कि प्रत्येक योग्य मतदाता को अपने अधिकार का उपयोग करने में कोई बाधा न आए और सभी वोट सही तरीके से गिने जाएं.
#PressConference by the Election Commission of India.
Date 🗓️: October 27, 2025
Time ⏰: 4:15 PM
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आयोग की प्रेस कॉन्फ्रेंस में पहले चरण की समय-सारणी साझा की जाएगी. आयोग ने बताया कि यह चरण उन राज्यों से शुरू होगा जहां चुनावी तैयारी सबसे अधिक जरूरी है. तमिलनाडु में डीएमके और एआईएडीएमके का मुकाबला, पश्चिम बंगाल में टीएमसी बनाम भाजपा, केरल में एलडीएफ और यूडीएफ की टक्कर, असम में भाजपा की पकड़ और पुडुचेरी में कांग्रेस-डीएमके गठबंधन की भूमिका अहम रहेगी.
SIR प्रक्रिया में आयोग ने डिजिटल तकनीक का अधिकतम उपयोग किया है. वोटर हेल्पलाइन ऐप, ऑनलाइन पंजीकरण और बीएलओ की मदद से मतदाता सूची को अपडेट किया जाएगा. यह कदम चुनावी प्रक्रिया को पारदर्शी और भरोसेमंद बनाने की दिशा में अहम माना जा रहा है. सभी चरणों में यह तकनीक सुनिश्चित करेगी कि मतदाता सूची में किसी तरह की गलती न रह जाए.
पहले चरण के बाद अन्य राज्यों को क्रमबद्ध तरीके से शामिल किया जाएगा. आयोग की यह पहल उन राज्यों पर केंद्रित है जहां जल्द ही चुनाव होने हैं. SIR प्रक्रिया से मतदाता सूची की विश्वसनीयता बढ़ेगी और राजनीतिक दलों को समय पर तैयारी का मौका मिलेगा. यह कदम राष्ट्रीय चुनावी ढांचे में विश्वास बनाए रखने और हर योग्य मतदाता को वोट देने का अधिकार सुनिश्चित करने की दिशा में महत्वपूर्ण है.