कोलकाता की प्रतिष्ठित कंपनी हिंदुस्तान मोटर्स लिमिटेड, जो कभी अपनी अमर एम्बेसडर सेडान के लिए जानी जाती थी, अब पश्चिम बंगाल सरकार के साथ एक कानूनी विवाद में उलझी हुई है. यह विवाद हुगली जिले में कंपनी के उत्तरपारा संयंत्र की जमीन के कब्जे को लेकर है. हिंदुस्तान मोटर्स ने आरोप लगाया है कि राज्य सरकार ने बिना किसी पूर्व सूचना के संयंत्र पर अवैध रूप से कब्जा कर लिया. यह मामला वर्तमान में सुप्रीम कोर्ट में लंबित है, जैसा कि पीटीआई ने अपनी रिपोर्ट में बताया.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, हिंदुस्तान मोटर्स ने अपनी नियामक फाइलिंग में कहा कि 11 जुलाई को सुबह करीब 11 बजे, सरकारी अधिकारी और पुलिस, कुछ अन्य लोगों के साथ, संयंत्र परिसर में घुस आए और “अवैध रूप से” संपत्ति पर कब्जा कर लिया. इसमें दस्तावेज, मशीनरी, उपकरण, लाइसेंसी हथियार और यहां तक कि सीमा शुल्क गोदाम भी शामिल हैं. कंपनी ने उसी दिन और फिर 14 जुलाई को राज्य के भूमि विभाग के विशेष सचिव को शिकायत दर्ज की.
हिंदुस्तान मोटर्स का दावा: ‘अवैध कब्जा’
कंपनी का कहना है, “पश्चिम बंगाल सरकार के संबंधित विभाग द्वारा स्वतः संज्ञान में की गई कार्रवाई, जो हमारे विशेष अवकाश याचिका के सुप्रीम कोर्ट में लंबित होने के बावजूद की गई, ने हमारे दावे को काफी नुकसान पहुंचाया है.” सुप्रीम कोर्ट में अगली सुनवाई 22 जुलाई को निर्धारित है, और तब तक राज्य सरकार ने कोई जबरदस्ती कार्रवाई न करने पर सहमति जताई है.
पश्चिम बंगाल सरकार का जवाब
पश्चिम बंगाल सरकार ने दावा किया कि उसने 2022 में कंपनी से 395 एकड़ जमीन तकनीकी रूप से वापस ले ली थी, क्योंकि हिंदुस्तान मोटर्स, जिसे वित्तीय रूप से अस्वस्थ घोषित किया जा चुका है, इस जमीन का उपयोग नहीं कर रही थी. भूमि विभाग के एक अधिकारी ने पीटीआई को बताया कि कंपनी को जमीन के उपयोग का प्रदर्शन करने के लिए कई अवसर दिए गए, लेकिन वह ऐसा करने में विफल रही. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पहले घोषणा की थी कि उद्योग के लिए जमीन की कमी को देखते हुए, ऐसी अप्रयुक्त जमीन को नए उद्यमियों के लिए अधिग्रहित किया जाएगा.
उत्तरपारा संयंत्र का क्या है इतिहास!
उत्तरपारा संयंत्र, जहां कभी प्रतिष्ठित एम्बेसडर कारों का निर्माण होता था, मई 2014 से बंद है. हिंदुस्तान मोटर्स के पास उत्तरपारा में कुल 720 एकड़ जमीन थी, जिसमें से 2009 में 314 एकड़ जमीन श्रीराम समूह को 285 करोड़ रुपये में रियल एस्टेट विकास के लिए बेच दी गई थी. नवंबर 2022 में, राज्य सरकार ने शेष 395 एकड़ जमीन को औद्योगिक उपयोग के लिए अप्रयुक्त होने के कारण वापस ले लिया.कानूनी स्थिति और
कोर्ट का रुख
यह मामला अब सुप्रीम कोर्ट में है, क्योंकि हिंदुस्तान मोटर्स को कलकत्ता हाई कोर्ट से कोई राहत नहीं मिली. मई में, हाई कोर्ट ने 1953 के अधिग्रहण कानून के तहत राज्य द्वारा जमीन वापस लेने की अनुमति देने वाले पश्चिम बंगाल भूमि सुधार और किरायेदारी ट्रिब्यूनल के आदेश के खिलाफ कंपनी की याचिका खारिज कर दी थी.
एम्बेसडर की विरासत
एम्बेसडर कार, जो कभी सरकारों और अभिजात वर्ग की पसंदीदा गाड़ी थी, आज भी कोलकाता और भारत के कुछ हिस्सों में टैक्सी के रूप में देखी जाती है. यह कार 1990 के दशक तक एक स्टेटस सिंबल थी और कई पीढ़ियों के लिए नॉस्टैल्जिया का हिस्सा बनी हुई है.