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India Daily

हिमाचल में मौसम की मार, बारिश-बर्फबारी से ठप हुआ जनजीवन; सैकड़ों गांव अंधेरे में डूबे

राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (SDMA) ने पुनर्वास कार्यों को गति प्रदान की है, जबकि मौसम विभाग ने 3 मार्च से बारिश की संभावना व्यक्त की है, जिससे राहत और पुनर्निर्माण की गतिविधियों में तेजी लाने की आवश्यकता बढ़ गई है.

Ritu Sharma
Edited By: Ritu Sharma
Himachal Rain
Courtesy: Social Media

Himachal Rain: हिमाचल प्रदेश में बीते दो दिनों से लगातार हो रही बारिश और भारी बर्फबारी के कारण जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. भूस्खलन और हिमस्खलन की घटनाओं से शनिवार को राज्य में पांच राष्ट्रीय राजमार्गों सहित कुल 583 सड़कें बंद हो गईं. इसके अलावा, बिजली और पानी की आपूर्ति भी बुरी तरह प्रभावित हुई है.

आपको बता दें कि राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (SDMA) राहत और बहाली कार्य में जुटा है, लेकिन लगातार हो रही बारिश और बर्फबारी से हालात बिगड़ते जा रहे हैं. मौसम विभाग ने 3 मार्च से फिर बारिश और बर्फबारी की चेतावनी जारी की है.

इसके अलावा, शुक्रवार को कुल्लू जिले के पाहनाला खड्ड में बादल फटने से एक दर्जन वाहन बह गए, जबकि कांगड़ा जिले के छोटा भंगाल क्षेत्र में भी बादल फटने की घटना हुई. वहीं, किन्नौर और भरमौर के ऊपरी इलाकों में ग्लेशियर खिसकने की खबर है, जबकि चंबा जिले की पांगी घाटी के कुमार पंचायत में हिमस्खलन के चलते इलाका पूरी तरह कट गया है.

यातायात और सेवाएं प्रभावित

वहीं, भूस्खलन और चट्टानों के गिरने से राज्य के कई इलाकों में बसें फंस गई हैं. सरकारी और निजी बसों सहित कम से कम 70 बसें रास्ते में अटकी हुई हैं. चंबा जिले में स्थानीय बस सेवाएं पूरी तरह से ठप हो गई हैं. इसके अलावा, 2263 वितरण ट्रांसफॉर्मर ठप होने से कई क्षेत्रों में बिजली आपूर्ति बाधित हो गई है, जबकि 279 जलापूर्ति योजनाएं प्रभावित होने से लोगों को पानी की भारी किल्लत का सामना करना पड़ रहा है.

मुख्यमंत्री ने दिए राहत कार्य तेज करने के निर्देश

हालांकि, हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कुल्लू घाटी में भारी बारिश के चलते एक विद्युत परियोजना के बांध के द्वार खोलने के आदेश दिए हैं, ताकि जलभराव की स्थिति से निपटा जा सके. प्रशासन ने आपदा प्रभावित इलाकों में राहत कार्य तेज करने के निर्देश दिए हैं और स्थानीय लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है.