Himachal Pradesh Disaster: हिमाचल प्रदेश में इस बार मानसून ने तबाही मचा दी है. 20 जून से अब तक भारी बारिश की वजह से राज्य में कम से कम 78 लोगों की मौत हो चुकी है जबकि 31 लोग अब भी लापता हैं. राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (SDMA) की रिपोर्ट के अनुसार, इन मौतों में से 50 लोग लैंडस्लाइड, बादल फटने और फ्लैश फ्लड जैसी बारिश से जुड़ी घटनाओं में मारे गए, जबकि 28 लोगों की मौत सड़क हादसों में हुई है.
मंडी जिला इस आपदा से सबसे ज्यादा प्रभावित रहा है, जहां 10 से ज्यादा बड़े हादसे जैसे कि बादल फटना, भूस्खलन और तेज बारिश से बाढ़ दर्ज किए गए हैं. अकेले मंडी में 17 मौतें दर्ज की गई हैं. इसके बाद कांगड़ा में 11, कुल्लू, चंबा और शिमला में 3-3 मौतें हुई हैं.
बारिश से जुड़ी घटनाओं में मौत की वजहें भी अलग-अलग रही हैं 14 लोग फ्लैश फ्लड, 8 लोग डूबने, 8 लोग करंट लगने या गिरने, जबकि कुछ की मौत भूस्खलन, बिजली गिरने और सांप काटने से हुई है. राज्य में सिर्फ जानमाल का ही नुकसान नहीं हुआ, बल्कि इन्फ्रास्ट्रक्चर को भी भारी नुकसान पहुंचा है. अब तक 269 सड़कें बंद, 285 ट्रांसफॉर्मर खराब और 278 पेयजल योजनाएं प्रभावित हुई हैं. कुल मिलाकर पब्लिक और प्राइवेट प्रॉपर्टी को अब तक 57 करोड़ रुपये से ज्यादा का नुकसान हो चुका है. खेतों की फसलें, पशुशालाएं, घर, स्कूल और अस्पताल भी भारी नुकसान की चपेट में आए हैं.
भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने सोमवार और मंगलवार के लिए हिमाचल प्रदेश के कई जिलों में भारी से बहुत भारी बारिश की चेतावनी जारी की है. विभाग ने भूस्खलन और फ्लैश फ्लड के खतरे की आशंका जताते हुए लोगों को नदी-नालों के पास ना जाने की सलाह दी है.
राज्य सरकार और प्रशासन ने हालात से निपटने के लिए NDRF और SDRF की टीमें तैनात कर दी हैं. विशेष रूप से मंडी और कुल्लू में सर्च और रेस्क्यू ऑपरेशन तेज़ कर दिए गए हैं. लापता लोगों की तलाश जारी है और सरकार ने लोगों से सतर्क रहने की अपील की है क्योंकि अगले कुछ दिन और चुनौती भरे हो सकते हैं.