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Himachal Pradesh: सीएम सुक्खू बोले '10 गारंटियों में से 3 को किया पूरा, जल्द होगा मंत्रिमंडल विस्तार' 

Himachal Pradesh Politics: हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविन्द्र सिंह सुक्खू ने कहा है कि हमने 10 गारंटियों में से 3 को पूरा कर दिया है.

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Amit Mishra
Sukhwinder Singh Sukhu

हाइलाइट्स

  • हिमाचल प्रदेश में जल्द होगा मंत्रिमंडल विस्तार
  • 'केंद्र सरकार देती है धन'

Himachal Pradesh Politics: हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व वाली सरकार के कार्यकाल का 11 दिसंबर को एक साल पूरा हो रहा है. 'व्यवस्था परिवर्तन' पर जोर देने वाली सुक्खू सरकार ने हिमाचल की जनता से गारंटी के साथ कई महत्वपूर्ण वायदे किए हैं. इस बीच राज्य के मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू (Sukhwinder Singh Sukhu) ने कहा है कि उनकी सरकार ने 10 गारंटियों में से 3 को पूरा कर दिया है.

जल्द होगा मंत्रिमंडल विस्तार

मुख्यमंत्री सुखविन्द्र सिंह सुक्खू ने कहा, "हमने 10 गारंटी में से 3 को पूरा कर दिया है और हम 5 साल के लिए आए हुए हैं तो हम बचे हुए वादे को इन 5 सालों में पूरा करेंगे. केंद्र सरकार से हमारा संवाद होता रहता है और हम जब भी कोई बात रखते हैं तो केंद्र सरकार उस पर विचार करती है और हमें उसके लिए धन भी देती है.." मंत्रिमंडल विस्तार के सवाल पर मुख्यमंत्री सुखविन्द्र सिंह सुक्खू ने कहा, "मंत्रिमंडल विस्तार जल्द ही इसी साल होगा."

ये थी गारटियां

- पुरानी पेंशन स्कीम बहाल करना.
- महिलाओं को हर महीने 1500 रुपये देना.
- महंगाई कम करके 300 यूनिट बिजली फ्री देने का वादा. 
- युवाओं को 5 लाख रोजगार देना.
- बागवान तय करेंगे फलों की कीमत.
- युवाओं के लिए 680 करोड़ रुपये का स्टार्ट-अप फण्ड देने का वादा.
- मोबाइल क्लीनिक से हर गांव में मुफ्त इलाज देने की सुविधा का वादा
- हर विधानसभा में 4 इंग्लिश मीडियम स्कूल खोलने का वादा. 
- गाय-भैंस पालकों से हर दिन 10 लीटर दूध खरीदने का वादा.
- 2 रुपये किलो गोबर खरीद का वादा. 

बीजेपी कर रही है विरोध 

इस बीच यहां ये भी बता दें कि एक तरफ जहां कांग्रेस सरकार अपने एक साल का कार्यकाल पूरा होने का जश्न मना रही है, वहीं भारतीय जनता पार्टी ने 11 दिसंबर के दिन को विरोध दिवस के रूप में मनाने का फैसला लिया है. बीजेपी का आरोप है कि सरकार ने एक साल में ऐसा कोई काम नहीं किया, जिसका जश्न मनाया जा सके. इस सरकार ने सिर्फ कर्ज लेने और संस्थान बंद करने का काम किया है. ऐसे में ये समझ से बाहर है कि जश्न किस बात का मनाया जा रहा है.