Irfan Habib On Gyanvapi Survey: ज्ञानवापी परिसर की सर्वे रिपोर्ट सामने आने के बाद हिंदू पक्ष ने एक के बाद एक कर कई दावे किए हैं. हिंदू पक्ष को वकील विष्णु शंकर जैन ने सर्वे रिपोर्ट को सार्वजनिक करते हुए कहा कि रिपोर्ट में इस बात का खुलासा हुआ है कि ज्ञानवापी पहले हिंदू मंदिर था. ASI की सर्वे रिपोर्ट और हिंदू पक्ष के दावे के बाद AMU के प्रोफेसर और इतिहासकार इरफान हबीब की प्रतिक्रिया सामने आई है.
AMU के प्रोफेसर और इतिहासकार इरफान हबीब ने एक निजी चैनल से बातचीत करते हुए कहा कि यह एक तरह से सही है. मगर, क्या अब मुल्क में यही चलता रहेगा कि कहां मस्जिद तोड़कर मंदिर बनाए गए और कहां मंदिर तोड़कर मस्जिद. उन्होंने आगे कहा कि अयोध्या के बाबरी मस्जिद का भी कोई तारीखी सबूत नहीं था कि वहां कोई मंदिर था लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने फैसला दे दिया.
वाराणसी में ज्ञानवापी मस्जिद की जगह पर मंदिर होने के सवाल पर इरफान हबीब ने कहा कि हां यह सही है और कई किताबों में इसका जिक्र भी है. लेकिन, क्या देश में यही चलता रहेगा. उन्होंने कहा कि देश में मस्जिदों को तोड़कर मंदिर बनाने का सिलसिला कब तक चलता रहेगा. जहां मस्जिद हैं उन्हें तोड़कर मंदिर बना दिया जाए, ये सब गलत है.
उन्होंने आगे कहा कि कहा कि इतने सालों से वहां मस्जिद है. क्यों उसको बदलकर मंदिर बनाया जा रहा है. बाबरी मस्जिद मामले में जो हुआ उसका भी कोई तारीखी सबूत नहीं है कि वहां कोई मंदिर था. लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने कर दिया. इतिहासकारों से ज्यादा अब ये जरूरत है कि मुल्क में आप क्या बनना चाह रहे हो. उन्होंने आगे कहा कि ज्ञानवापी मामले में ASI के सर्वे की कोई जरूरत ही नहीं थी. सर जदुनाथ सरकार की किताब पढ़ लेते तो सब समझ में आ जाता. अब जाहिल हैं, जिन्होंने नहीं पढ़ी. उसका क्या किया जाए.