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India Daily

Ceasefire India Pakistan: सीजफायर के बाद एक्शन मोड में सरकार, PM मोदी ने बुलाई हाई लेवल सुरक्षा बैठक

Ceasefire India Pakistan: भारत और पाकिस्तान के बीच सीजफायर की घोषणा के बाद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक महत्वपूर्ण बैठक कर रहे हैं. इस बैठक में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, एनएसए अजित डोभाल, सीडीएस अनिल चौहान और तीनों सेनाओं के प्रमुख शामिल हैं.

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Edited By: Ritu Sharma
PM Modi meeting
Courtesy: Social Media

Ceasefire India Pakistan: भारत और पाकिस्तान के बीच घोषित 'सीसफायर' के बाद केंद्र सरकार पूरी तरह सतर्क नजर आ रही है. इसी क्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को अपने आवास पर एक उच्च स्तरीय सुरक्षा बैठक बुलाई. इस अहम बैठक में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल, चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) जनरल अनिल चौहान और थल, वायु और नौसेना के प्रमुख शामिल हुए.

सीजफायर के बाद की स्थिति पर चर्चा

जानकारी के अनुसार, इस बैठक का मकसद भारत-पाकिस्तान के बीच हाल ही में हुए संघर्षविराम के बाद की सुरक्षा स्थिति का आंकलन करना था. सूत्रों के मुताबिक, पीएम मोदी को LOC और अंतरराष्ट्रीय सीमा पर हालात की पूरी जानकारी दी गई. बैठक में यह भी समीक्षा हुई कि भविष्य में सीमा पर शांति बनाए रखने के लिए क्या कदम उठाए जाएं.

अमेरिका की हस्तक्षेप का असर

गौरतलब है कि अमेरिका की सक्रिय भूमिका के चलते भारत और पाकिस्तान के बीच तत्काल और पूर्ण संघर्षविराम पर सहमति बनी है. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शनिवार को इस बात की पुष्टि करते हुए कहा था,  ''भारत और पाकिस्तान अब पूरी तरह सीजफायर पर सहमत हो गए हैं और यह हमारे हस्तक्षेप प्रयासों का नतीजा है.''

अमेरिका ने की भारत-पाक नेतृत्व की सराहना

बता दें कि इस पूरे घटनाक्रम में अमेरिका के विदेश मंत्री मार्को रुबियो का भी बयान सामने आया. उन्होंने कहा, ''हम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की शांति का मार्ग चुनने की राजनीतिक सूझबूझ और विवेक की सराहना करते हैं.'' अमेरिका का मानना है कि यह संघर्षविराम क्षेत्रीय स्थिरता की दिशा में एक अहम कदम है.

इसके अलावा, यह संघर्षविराम उस समय हुआ है जब भारत और पाकिस्तान की सेनाएं एक-दूसरे के सैन्य ठिकानों को निशाना बना रही थीं. सीमाओं पर लगातार गोलाबारी हो रही थी और हालात बेहद गंभीर हो चले थे. ऐसे में अमेरिका की मध्यस्थता और दोनों देशों का सीजफायर पर सहमत होना एक बड़ा राजनयिक घटनाक्रम माना जा रहा है.