पणजी: गोवा के नाइट क्लब में हुए हादसे की वजह सामने आई है, जिसमें पता चला है कि किचन में सिलेंडर ब्लास्ट हुआ जिसके बाद आग तेजी से फैली और देखते ही देखते उसके धुएं ने पूरे बेसमेंट को भर दिया. हादसे में 23 लोगों की मौत हुई है, जिनमें से 20 की जान दम घुटने से गई जबकि तीन लोग जिंदा जल गए. शुरुआती जांच में पाया गया है कि क्लब में फायर सेफ्टी के पर्याप्त इंतजाम नहीं थे और सिलेंडर ब्लास्ट आग की प्रमुख वजह है.
यह घटना राज्य की राजधानी पणजी से लगभग 25 किलोमीटर दूर हुई है और पूरे गोवा में शोक और चिंता का माहौल बना हुआ है. वहां मौजूद लोगों के अनुसार जैसे ही ब्लास्ट हुआ, लोग घबराकर बाहर निकलने की बजाय नीचे स्थित बेसमेंट की ओर भाग गए. बेसमेंट में उस समय कई कर्मचारी मौजूद थे और धुएं के कारण वहां कुछ ही मिनटों में हालत बेहद खराब हो गई. ज्यादातर लोगों की मौत उसी धुएं में दम घुटने से हुई.
गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने मौके पर पहुंचकर स्थिति की जानकारी ली. उन्होंने बताया कि हादसा बेहद दर्दनाक है और शुरुआती जांच में पाया गया है कि क्लब फायर सेफ्टी नियमों का पालन नहीं कर रहा था. सावंत ने कहा कि मरने वालों में ज्यादातर किचन वर्कर थे, जिनमें तीन महिलाएं भी शामिल हैं, जबकि तीन से चार पर्यटक भी इस हादसे का शिकार हुए. उन्होंने स्पष्ट किया कि दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
गोवा पुलिस के डीजीपी आलोक कुमार ने बताया कि रात 12:04 बजे पुलिस कंट्रोल रूम को आग लगने की सूचना मिली, जिसके बाद पुलिस, फायर ब्रिगेड और एंबुलेंस की टीमों को तुरंत भेजा गया. कई घंटों तक चले रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद सभी शवों को बाहर निकाला गया और बांबोलिम के सरकारी मेडिकल कॉलेज भेजा गया.
बीजेपी विधायक माइकल लोबो ने घटना को बेहद दर्दनाक बताते हुए कहा कि यह लापरवाही का गंभीर मामला है. उन्होंने राज्य के सभी क्लबों का फायर सेफ्टी ऑडिट कराने की मांग की और कहा कि जिन क्लबों के पास मंजूरी नहीं होगी, उनके लाइसेंस रद्द कर दिए जाएंगे. प्रशासन ने संकेत दिया है कि क्लब मैनेजमेंट और जिम्मेदार अधिकारी दोनों पर कड़ा एक्शन लिया जाएगा.