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गोवा में क्रिसमस पर बीफ का भयानक संकट, गोरक्षकों के विरोध में कुरैशी व्यापारियों की हड़ताल, जानें क्या हैं मांगे?

गोवा में बीफ व्यापारियों की हड़ताल ने क्रिसमस के समय मांस आपूर्ति संकट को जन्म दिया है. यह स्थिति गोवा के पारंपरिक भोजन और त्योहारों पर असर डाल सकती है। व्यापारी अपनी सुरक्षा की मांग कर रहे हैं. ऐसे में यह देखना होगा कि सरकार उनके इस मुद्दे पर क्या कदम उठाती है, ताकि इस संकट का समाधान हो सके.

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Edited By: Mayank Tiwari
गोवा में क्रिसमस उत्साह के साथ मनाया जाता है
Courtesy: Social Media

Goa News: गोवा इस क्रिसमस पर गोमांस की आपूर्ति के संकट का सामना कर रहा है, क्योंकि ईसाई आबादी वाले राज्य में व्यापारियों ने कथित तौर पर गौरक्षकों की बढ़ती घटनाओं के विरोध में हड़ताल कर दी है. इस बीच कुरैशी मीट ट्रेडर्स एसोसिएशन ने 23 दिसंबर को क्रिसमस के मौके पर हड़ताल की शुरुआत की और घोषणा की कि जब तक सरकार उनकी सुरक्षा संबंधी मांगों पर ध्यान नहीं देती, तब तक वे अपना विरोध प्रदर्शन समाप्त नहीं करेंगे.

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, त्यौहारों के मौसम में हड़ताल के कारण राज्य में गोमांस की आपूर्ति बाधित हुई है. ऐसे में गोवा की 25 प्रतिशत आबादी ईसाई है और यहां क्रिसमस का त्यौहार बहुत उत्साह से मनाया जाता है. इस दौरान मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत को लिखे पत्र में कुरैशी मीट ट्रेडर्स एसोसिएशन (क्यूएमटीए) ने आरोप लगाया कि गोमांस बेचने वाली दुकानों पर दक्षिणपंथी हिंदू संगठनों द्वारा हमलों की संख्या में वृद्धि हुई है.

न्यूज एजेंसी पीटीआई के अनुसार, क्यूएमटीए के सदस्य अब्दुल बेपारी ने कहा, "हालिया हमला मडगांव में हुआ. हम इन समूहों के खिलाफ कार्रवाई चाहते हैं. हमें सरकार से सुरक्षा चाहिए. बेपारी ने अनेक शिकायतों के बावजूद पुलिस की निष्क्रियता पर भी निराशा व्यक्त की और कहा कि जब तक सरकार मांस व्यापारियों को सुरक्षा का आश्वासन नहीं देती, हड़ताल लगातार जारी रहेगी.

अन्य राज्यों के कारोबारियों ने गोवा को गोमांस की आपूर्ति करने से किया इनकार 

क्यूएमटीए के उपाध्यक्ष शब्बीर बेपारी ने इस बात पर जोर दिया कि पर्याप्त स्टॉक के बिना दुकानें संचालित नहीं हो सकतीं. उधर, गोवा स्थित दैनिक द गोअन की रिपोर्ट के अनुसार, पड़ोसी राज्यों के रजिस्टर्ड आपूर्तिकर्ताओं द्वारा गोवा में गोमांस भेजने में अनिच्छा के कारण यह संकट और भी गंभीर हो गया है. उन्होंने कहा, "अगर स्टॉक नहीं है तो हम अपनी दुकानें नहीं खोल सकते. अगर हमें आपूर्ति मिलती है तो हम खोलेंगे, लेकिन गोमांस के बिना यह असंभव है.

शब्बीर ने आरोप लगाया, "बजरंग दल के कार्यकर्ता चेकपोस्टों पर तैनात हैं, ड्राइवरों को डरा रहे हैं और हिंसा का डर पैदा कर रहे हैं. हमारे आपूर्तिकर्ता गोमांस के परिवहन का जोखिम उठाने को तैयार नहीं हैं. द गोअन की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि रामनगर और कनापुर में स्थित ये चेकपोस्ट उत्पीड़न का केंद्र बन गए हैं, जिससे आपूर्तिकर्ताओं को आपूर्ति रोकने पर मजबूर होना पड़ रहा है.

तटीय राज्यों में रोजाना बेचा जाता है लगभग 20-25 टन गोमांस 

एसोसिएशन ने कहा कि पुर्तगाली काल से चली आ रही इस व्यापार को कभी भी इतने अभूतपूर्व स्तर पर उत्पीड़न का सामना नहीं करना पड़ा. तटीय राज्य में प्रतिदिन लगभग 20-25 टन गोमांस बेचा जाता है. ऐसे में पर्यटन सीजन और त्यौहारों के दौरान बिक्री आमतौर पर चरम पर होती है. इस मुद्दे पर राजनीतिक प्रतिक्रियाएं सामने आई हैं और कांग्रेस विधायक कार्लोस अल्वारेस फेरेरा ने इस सतर्कता अभियान की निंदा की है.

गोवावासियों ने सरकार पर गौरक्षकों के प्रति नरम रुख अपनाने का आरोप लगाया

मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने 23 दिसंबर को यह कहते हुए चिंताओं को दूर करने का प्रयास किया कि राज्य द्वारा संचालित गोवा मीट कॉम्प्लेक्स लिमिटेड गोमांस की मांग को पूरा करेगा. सावंत ने आश्वासन दिया, "यह मांस परिसर स्वच्छ गोमांस उपलब्ध कराता है. निवासियों में निराशा अभी भी बनी हुई है.