भारत के पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ को नई दिल्ली के लुटियंस जोन में 34 एपीजे अब्दुल कलाम रोड पर टाइप VIII बंगला आवंटित किया गया है. एक अनाम अधिकारी ने सोमवार को यह जानकारी दी. उपराष्ट्रपति पेंशन, आवास और अन्य सुविधा नियमों के अनुसार, सभी पूर्व राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और उपराष्ट्रपति टाइप VIII बंगलों के हकदार हैं. यह आवंटन धनखड़ के 21 जुलाई को स्वास्थ्य कारणों से अचानक इस्तीफा देने के एक महीने बाद हुआ है.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, आवास और शहरी मामलों के केंद्रीय मंत्रालय (MoHUA), जो संपदा निदेशालय के माध्यम से इन बंगलों का प्रबंधन करता है, फिलहाल, उन्होंने इस आवंटन पर कोई आधिकारिक टिप्पणी नहीं की. यह बंगला पहले मिजोरम के वर्तमान राज्यपाल और पूर्व केंद्रीय राज्य मंत्री वीके सिंह द्वारा इस्तेमाल किया जाता था.
जगदीप धनखड़ का इस्तीफा और विवाद
इसी महीने की शुरुआत में, पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ अपने आधिकारिक आवास से दक्षिण दिल्ली के छतरपुर में इंडियन नेशनल लोकदल (INLD) अध्यक्ष अभय सिंह चौटाला के स्वामित्व वाली संपत्ति में ट्रांसफर हो गए थे. धनखड़ ने मानसून सत्र के पहले दिन 21 जुलाई को रात 9 बजे स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए इस्तीफा दे दिया था. विपक्ष ने आरोप लगाया है कि धनखड़ ने पूर्व हाई कोर्ट जज यशवंत वर्मा के महाभियोग के लिए विपक्ष द्वारा समर्थित नोटिस को स्वीकार करने के कारण सरकार के दबाव में इस्तीफा दिया.
धनखड़ का इस्तीफा पत्र
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को लिखे अपने इस्तीफा पत्र में धनखड़ ने कहा, “स्वास्थ्य की प्राथमिकता और चिकित्सीय सलाह का पालन करने के लिए, मैं भारत के उपराष्ट्रपति पद से तत्काल प्रभाव से इस्तीफा देता हूं, जैसा कि संविधान के अनुच्छेद 67(ए) में लिखित है.”
उन्होंने आगे कहा, “मुझे भारत के उपराष्ट्रपति के रूप में हमारी महान लोकतांत्रिक व्यवस्था में अनमोल अनुभव और अंतर्दृष्टि प्राप्त करने का अवसर मिला, जिसके लिए मैं गहराई से आभारी हूं. इस महत्वपूर्ण काल में भारत की उल्लेखनीय आर्थिक प्रगति और अभूतपूर्व विकास को देखना और उसमें भाग लेना मेरे लिए विशेषाधिकार और संतुष्टि की बात रही है.”
उपराष्ट्रपति एनक्लेव में पहला कार्यकाल
जगदीप धनखड़ पहले उपराष्ट्रपति थे जिन्होंने नवनिर्मित उपराष्ट्रपति एनक्लेव में निवास किया, जो संसद परिसर और नॉर्थ ब्लॉक के पास स्थित है. वे पिछले साल अप्रैल में इस नए परिसर में स्थानांतरित हुए थे. इससे पहले, सभी उपराष्ट्रपति मौलाना आजाद रोड पर एक बंगले में रहते थे.