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India Daily

Hanuman Beniwal Statement: 'एक तो 10:30-11 बजे रात को बोलवा रहे हो…', बेनीवाल की इस बात से ठहाकों से गूंज उठा सदन

लोकसभा में ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा के दौरान हनुमान बेनीवाल के तीखे लेकिन हास्य से भरे बयानों ने पूरा सदन हंसी से गूंजा दिया. उन्होंने व्यंग्य में कहा कि 'एक तो साढ़े दस-ग्यारह बजे रात को बोलवा रहे हो आप… अखबार में तो छपेगा नहीं… सोशल मीडिया से ही काम निकलेग.'

Km Jaya
Edited By: Km Jaya
Hanuman Beniwal
Courtesy: Social Media

Hanuman Beniwal Statement: संसद के मानसून सत्र के दौरान सोमवार रात लोकसभा में ऑपरेशन सिंदूर को लेकर गंभीर चर्चा चल रही थी, लेकिन इस बीच नागौर से आरएलपी सांसद हनुमान बेनीवाल की टिप्पणियों ने माहौल हल्का कर दिया. उनके बयानों पर पूरा सदन ठहाकों से गूंज उठा. जब उनका बोलने का समय खत्म हुआ तो उन्होंने नाराजगी जताते हुए कहा कि एक तो साढ़े दस-ग्यारह बजे (रात को) बोलवा रहे हो आप… अखबार में तो छपेगा नहीं… सोशल मीडिया से ही काम निकलेगा.

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक बेनीवाल ने पाकिस्तान पर निशाना साधते हुए कहा कि भारत ने पाकिस्तान की मांग में सिंदूर भर दिया, अब तो पाकिस्तान भारत की पत्नी हो गया. लोकसभा में ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा के दौरान बेनीवाल ने कहा कि घटना 22 अप्रैल को हुई लेकिन ऑपरेशन की शुरुआत 8 मई को हुई. उन्होंने कहा कि मीडिया कह रही थी कि भारत कराची पहुंच गया, लाहौर पर कब्जा हो गया और इस्लामाबाद पर झंडा फहराने वाले हैं. लगा कि सुबह तक पाकिस्तान भारत का हिस्सा बन जाएगा.

इसका वीडियो भी आया सामने, देखें

संसद में ठहाके की गूंज

इसी दौरान उन्होंने कहा कि ऑपरेशन का नाम ‘सिंदूर’ रखा गया और यह प्रतीक बना कि भारत पाकिस्तान की मांग में सिंदूर भर रहा है. उनकी इस बात पर अर्जुन राम मेघवाल समेत कई सांसद हंसने लगे, जिस पर बेनीवाल ने कहा, “हंसो मत.” फिर भी ठहाके रुक नहीं पाए. पास बैठे सांसद चंद्रशेखर भी अपनी हंसी रोक नहीं सके.

हिंदू धर्म में सिंदूर का मतलब

बेनीवाल ने अपनी बात आगे बढ़ाते हुए कहा कि हमारे हिंदू धर्म में सिंदूर का मतलब होता है पत्नी का अपने पति के प्रति समर्पण. अब तो भारत ने सिंदूर भर दिया पाकिस्तान के अंदर, अब सिर्फ विदाई बाकी है. उन्होंने यह भी कहा कि अब हो गया थारा काम.

लोकसभा में आतंकी हमले की दिलाई याद

बात केवल व्यंग्य तक नहीं रुकी. उन्होंने लोकसभा में आतंकी हमले की याद दिलाते हुए कहा कि अगर उस समय संसद सुरक्षा में तैनात जवान शहादत नहीं देते तो कई सांसदों की जान जा सकती थी. आतंकवाद कोई नई चीज नहीं है, यह हर सरकार के समय रहा है.