भीषण गर्मी के बीच दिल्ली में जल संकट गहरा गया है. सुप्रीम कोर्ट में जल कि किल्लत को लेकर सोमवार को सुनवाई हुई. SC ने दिल्ली में पानी की किल्लत से निपटने के लिए अपर यमुना रिवर बोर्ड से 5 जून को सभी स्टेक होल्डर्स की बैठक बुलाने को कहा है. अब इस पर अगली सुनवाई 6 जून को होगी. कोर्ट ने बैठक की कार्यवाही और उठाए गए कदमों पर सुझाव मांगा है.
सुनवाई के दौरान हिमाचल प्रदेश ने कहा कि उसे दिल्ली को अतिरिक्त पानी देने में कोई परेशानी नहीं है. इस दौरान सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि दिल्ली में पानी की बर्बादी भी एक अहम मुद्दा है. दिल्ली को दिए जाने वाले पानी में से 52 फीसदी पानी की बर्बादी होती है, जिसमें टैंकर माफिया और इंडस्ट्रीज द्वारा पानी की चोरी भी बड़ी वजह है. हरियाणा सरकार ने कहा वह कोटे से अधिक पानी दिल्ली के लिए छोड़ रहा है.
दिल्ली में पानी की संकट बढ़ने के बाद सरकार ने 31 मई को सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की. दिल्ली सरकार ने मांग की है कि हरियाणा, उत्तर प्रदेश और हिमाचल कुछ महीने कोटे से अधिक पानी दे. गर्मी में पानी की मांग बढ़ने से कई इलाकों में पारी की सप्लाई नहीं हो रही है.
बता दें कि दिल्ली के पास अपना कोई पानी की स्त्रोत नहीं है. देश की राजधानी पड़ोसी राज्य हरियाणा पर पानी के लिए निर्भर है. गर्मी में पानी की मांग बढ़ गई है, जिससे दिल्ली में पानी की संकट हो गया है. शहर में सुबह से पानी के टैंकर दौड़ रहे हैं. लोग पानी के लिए लंबी-लंबी लाइनों में खड़े रहते हैं. आम आदमी पार्टी ने दिल्ली में पानी संकट के लिए हरियाणा को जिम्मेदार ठहराया है.