बेटी के समय से न सोने पर पिता ने किया ये हाल, जानकर आप भी हो जाएंगे हैरान
एक वीडियो के सामने आने के बाद एक पिता द्वारा अपनी 5 साल की बेटी को डांटने का मामला चर्चा में आया. बच्ची के देर से सोने पर पिता ने सख्ती दिखाई थी. पुलिस ने मामले में संज्ञान लेकर जांच शुरू कर दी है और चाइल्ड वेलफेयर कमेटी को सूचित कर दिया गया है.
मुंबई में हुए एक संवेदनशील और चिंताजनक मामले में एक पिता द्वारा अपनी 5 वर्षीय बेटी के साथ किये गये दुर्व्यवहार की खबर सामने आई है. मामला तब उजागर हुआ जब दोपहर करीब 2:45 बजे एक वीडियो सामने आया, जिसे आरोपी की पत्नी ने शिकायतकर्ता को भेजा. वीडियो में पिता अपनी बेटी के साथ बेरहमी से मारपीट करता हुआ दिखाई दे रहा था. पिता को लड़की के पैर बांधते, उसे पीटते और उसके गालों को सिगरेट से जलाते हुए देखा जा सकता है.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक वीडियो में दिखाई दे रहा है कि बच्ची को अनुशासन सिखाने के उद्देश्य से पिता ने सख्ती दिखाई. हालांकि, इस व्यवहार को लेकर सोशल मीडिया पर चिंता और प्रतिक्रिया देखी गई. वीडियो सामने आने के बाद इस मामले की जानकारी स्थानीय पुलिस को दी गई, जिसने तत्काल संज्ञान लेते हुए कार्रवाई शुरू की.
पिता के खिलाफ मामला दर्ज
बच्ची की मां ने वीडियो को प्रमाण के रूप में पुलिस को सौंपा. इसके आधार पर पिता के खिलाफ बाल कल्याण अधिनियम के अंतर्गत मामला दर्ज किया गया है. बच्ची को सुरक्षा के दृष्टिकोण से चिकित्सकीय देखरेख में रखा गया है और उसकी स्थिति स्थिर बताई जा रही है.
परिजन से पूछताछ जारी
पुलिस अधिकारियों का कहना है कि वे इस मामले को गंभीरता से ले रहे हैं और परिवार से पूछताछ की जा रही है. साथ ही, चाइल्ड वेलफेयर कमेटी को भी सूचित कर दिया गया है ताकि बच्ची की मानसिक और भावनात्मक स्थिति का आकलन किया जा सके.
बच्चों के साथ अच्छा व्यवहार
मनोवैज्ञानिकों और बाल संरक्षण विशेषज्ञों का मानना है कि बच्चों को अनुशासन सिखाने के लिए उनसे बातचीत और अच्छे व्यवहार की आवश्यकता होती है, न कि सख्ती या डर से. बचपन के अनुभव उनके व्यक्तित्व निर्माण में गहरी भूमिका निभाते हैं, और अगर बच्चे को सही मार्गदर्शन नहीं मिलता, तो उसका प्रभाव लंबे समय तक रह सकता है.
बाल विकास विशेषज्ञ का सुझाव
इस घटना ने यह सवाल खड़ा कर दिया है कि माता-पिता और अभिभावकों को बच्चों के साथ कैसा व्यवहार करना चाहिए. बाल विकास विशेषज्ञ यह भी सुझाव देते हैं कि माता-पिता को समय-समय पर काउंसलिंग और मार्गदर्शन मिलना चाहिए ताकि वे बच्चों की परवरिश को बेहतर और संवेदनशील तरीके से कर सकें.
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