Farmers Protest 2024: किसान संगठनों और केंद्र सरकार के बीच चौथे दौर की वार्ता विफल हो गई है. इसके साथ ही किसानों ने 21 फरवरी को दिल्ली कूच का ऐलान किया था. किसानों के दिल्ली को ध्यान में रखते हुए हरियाणा और राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की पुलिस अलर्ट मोड पर है. हरियाणा के पुलिस अधिकारियों ने पंजाब पुलिस के अपने समकक्षों को पत्र लिखा है. इसमें लिखा है कि अंतरराज्यीय सीमाओं से महिलाओं, बच्चों, बुजुर्गों और पत्रकारों को कम से कम 1 किमी दूर रोका जाए.
हरियाणा के डीजीपी एसएस कपूर ने अपने पंजाब के समकक्ष गौरव यादव को एक पत्र लिखकर भेजा है. इसमें आशंका जताई गई है कि प्रदर्शनकारी किसान मल्टीलेयर बैरिकेडिंग को तोड़ने की कोशिश करेंगे. साथ ही लिखा गया है कि कुछ किसान संघ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं और 13 फरवरी, 2024 से शंभू बॉर्डर, अंबाला और दातासिंह (खनौरी) बॉर्डर, जींद पर डेरा डाले हैं. इनपुट मिला है कि प्रदर्शनकारी महिलाओं, बच्चों और वरिष्ठ नागरिकों को सामने रख सकते हैं, ताकि पुलिस को कानूनी कार्रवाई करने से रोका जा सके.
यदि किसान बलपूर्वक बैरिकेड हटाने का प्रयास करते हैं तो पुलिस के पास उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई के अलावा कोई और विकल्प नहीं होगा. इससे महिलाओं, बच्चों और वरिष्ठ नागरिकों को चोट या दिक्कतों का खतरा हो सकता है. इससे बचने के लिए अनुरोध है कि बॉर्डर से इन सभी को दूर रखा जाए. पंजाब डीजीपी को लिखे एक अन्य पत्र में उनके हरियाणा समकक्ष ने लिखा कि यह विश्वसनीय रूप से पता चला है कि किसान पोकलेन, जेसीबी समेत कई मशीनों के साथ दिल्ली की ओर बढ़ सकते हैं.
इन मशीनों का उपयोग प्रदर्शनकारियों द्वारा बैरिकेड्स को नुकसान पहुंचाने के लिए किया जा सकता है. साथ ही इन मशीनों से ड्यूटी पर तैनात पुलिस और अर्धसैनिक बलों के लिए गंभीर खतरा पैदा हो सकता है. पत्र में साफ तौर पर कहा गया है कि किसानों को विरोध स्थल या उसके पास जेसीबी जैसी मशीनों को पहुंचने से रोका जाए. इसके लिए जेसीबी या पोकलेन मशीनों के ऑपरेटरों को भी सख्ती से मना की गई है. इसके बाद पंजाब डीजीपी गौरव यादव ने सभी एसएसपी और पुलिस आयुक्तों को निर्देश जारी किए कि किसी भी भारी अर्थमूविंग मशीन को खनौरी और शंभू सीमाओं तक पहुंचने की अनुमति नहीं दी जाए.