Farmer Protest 2024: किसानों के आंदोलन का आज तीसरा दिन है. आज चंडीगढ़ में किसान नेताओं और केंद्र सरकार के बीच तीसरे दौर की बातचीत होगी. इस बातचीत में MSP अहम मुद्दा रहेगा. बुधवार शाम को किसान मजदूर मोर्चा के संयोजक सरवन सिंह पंढेर और भारतीय किसान यूनियन (एकता सिधुपुर) के अध्यक्ष जगजीत सिंह दल्लेवाल ने कहा कि उन्होंने शंभू सीमा पर प्रदर्शनकारियों से पूछा कि क्या उन्हें दिल्ली की ओर बढ़ना चाहिए या बातचीत के लिए मेज पर लौटना चाहिए. दल्लेवाल ने कहा कि प्रदर्शनकारियों ने कहा कि हमें बातचीत के जरिए समाधान तलाशना चाहिए. इसके बाद हमलोगों ने गुरुवार को यानी आज केंद्रीय मंत्रियों पीयूष गोयल, अर्जुन मुंडा और नित्यानंद राय के साथ तीसरे दौर के बातचीत के निमंत्रण को स्वीकार कर लिया.
हालांकि, किसान नेताओं ने ये भी कहा कि अगर हरियाणा की ओर आंसू गैस के गोले नहीं दागे गए, तो हम सभी आज दिल्ली की ओर बढ़ने से बचेंगे. हमारा लक्ष्य गुरुवार शाम 5 बजे चंडीगढ़ में केंद्रीय मंत्रियों के साथ शांतिपूर्ण वार्ता में शामिल होना है. हरियाणा पुलिस को हमारे किसानों को आंसू गैस के गोले दागकर भड़काना नहीं चाहिए. हम बातचीत के पक्ष में हैं. अगर, सरकार चर्चा के माध्यम से हमारे मुद्दों को हल करने के लिए प्रतिबद्ध है, तो हम भी इच्छुक हैं. इससे पहले 8 और 12 फरवरी को किसान नेताओं और केंद्र सरकार के बीच बातचीत हुई थी, जो बेनतीजा रही थी.
पीटीआई की एक रिपोर्ट के मुताबिक, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और कृषि मंत्री अर्जुन मुंडा ने किसानों के मुद्दों के समाधान पर दिल्ली में चर्चा की. इस बीच, बुधवार को हरियाणा और पंजाब के बीच दो सीमा बिंदुओं शंभू और खनौरी में प्रदर्शनकारियों ने दिल्ली की ओर बढ़ने की कोशिश की, लेकिन उन्हें आंसू गैस, पानी की बौछारों के जरिए रोका गया. इस दौरान कुछ किसानों के घायल होने की भी खबर है. कम से कम एक दर्जन प्रदर्शनकारियों को पटियाला के सरकारी अस्पताल में ले जाया गया है, जहां स्वास्थ्य मंत्री बलबीर सिंह ने उनसे मुलाकात की और कहा कि पंजाब सरकार मुफ्त इलाज की पेशकश करेगी.
उधर, प्रदर्शनकारी किसान यूनियनों को समर्थन देते हुए, बीकेयू उगराहां और बीकेयू डकौंडा (धनेर गुट) ने गुरुवार को दोपहर 12 बजे से शाम 4 बजे तक पंजाब में रेल रोको की घोषणा की है. यूनियन नेताओं ने कहा कि रेल रोको शुरुआत में 10 स्थानों पर होगा, बाद में और स्थानों को जोड़े जाने की संभावना है.
बुधवार को पंजाब और हरियाणा के अधिकारियों के बीच उस वक्त तीखी नोकझोंक भी देखी गई, जब पटियाला के डिप्टी कमिश्नर शौकत अहमद पर्रे ने हरियाणा पुलिस को एक संदेश भेजा और उनसे पंजाब के अंदर आंसू गैस के गोले न दागने को कहा. डिप्टी कमिश्नर के संदेश पर हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज ने नाराजगी जताई और कहा कि वे क्या कहना चाहते हैं? क्या यह भारत-पाकिस्तान सीमा है? जब ये काफिले सबसे पहले अमृतसर से चले तो पंजाब सरकार ने कोई कार्रवाई क्यों नहीं की? क्या वे यह कहना चाहते हैं कि अगर कोई हरियाणा पुलिस कर्मियों की हत्या करके पंजाब में भाग जाता है, तो हम उसका पीछा नहीं कर सकते और उसे वहां नहीं पकड़ सकते? क्या पंजाब एक बार फिर दिल्ली में अराजकता पैदा करना चाहता है?
उधर, पर्रे ने कहा कि उन्होंने हरियाणा पुलिस को लिखा था क्योंकि पंजाब क्षेत्र के अंदर आंसू गैस के गोले दागने से सरकारी कर्मचारी भी घायल हो गए थे. वहीं, पंजाब के स्वास्थ्य मंत्री बलबीर सिंह ने कहा कि कम से कम 40 घायल लोगों को राजपुरा के सिविल अस्पताल में भर्ती कराया गया, जिनमें से दो के सिर पर गंभीर चोटें आईं. उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार को किसानों को दिल्ली जाने से रोकने का कोई अधिकार नहीं है. उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय राजमार्ग राष्ट्रीय संपत्ति हैं, हरियाणा सरकार जो कर रही है वह असंवैधानिक और अवैध है. इस बीच, हरियाणा के डीजीपी शत्रुजीत कपूर ने कहा कि कल किसानों द्वारा किए गए पथराव में दो डीएसपी और 24 पुलिसकर्मी घायल हो गए.