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Farmer Protest: किसानों पर आंसू गैस और रबर की गोलियों का इस्तेमाल, 40 से ज्यादा घायल; महीनों तक डटे रहने को तैयार किसान

Farmer Protest 2024: हरियाणा पुलिस ने बुधवार को पंजाब से दिल्ली की ओर बढ़ रहे प्रदर्शनकारी किसानों को रोकने के लिए आंसू गैस, वाटर कैनन और रबर की गोलियां चलाईं, जिसमें 40 से अधिक किसान घायल हो गए

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Farmer Protest: केंद्र सरकार से अपनी मांगे मनवाने के लिए किसान आंदोलन में पंजाब और हरियाणा के बीच दत्ता सिंहवाला-खानौरी सीमा पर बुधवार को भारी हंगामा देखने को मिला. प्रदर्शनकारी किसानों को हटाने के लिए हरियाणा पुलिस ने आंसू गैस, पानी की बौछारें और रबर की गोलियां चलाईं, जिससे 40 से ज्यादा किसान घायल हो गए. ये झड़प मंगलवार को भी लगभग दो घंटे तक चली थी.

बता दें, प्रदर्शनकारी किसानों की संख्या लगातार बढ़ रही है. बुधवार को सीमा पर करीब 15,000 किसान एकत्रित थे. इन किसानों ने पहले तो हरियाणा पुलिस द्वारा लगाए गए बैरिकेड्स को हटाने के लिए अपने लीडरों द्वारा ग्रीन सिग्नल मिलने का इंतजार करने की बात कही, लेकिन दोपहर 1.30 बजे कुछ युवा खेतों के रास्ते से हरियाणा पुलिस को घेरने लगे.

पानी की बौछारें, रबर की गोलियां

इन्हें रोकने के लिए पुलिस ने पहले आंसू गैस के गोले फेंके, उसके बाद पानी की बौछारें की और फिर रबर की गोलियां चलाईं. भारतीय किसान यूनियन (सिधुपुर) के नेता काका सिंह कोटरा ने बताया कि घायलों की संख्या 40 से ज्यादा हो सकती है. एक युवा किसान की आंखों में गंभीर चोट आई है. सभी घायलों को इलाज के लिए एंबुलेंस से अस्पताल ले जाया गया.

आंसू गैस का इस्तेमाल

शाम 4.20 बजे, पुलिस ने सीमा की तरफ बढ़ रहे किसानों को तितर-बितर करने के लिए फिर से आंसू गैस का इस्तेमाल किया. किसानों ने आंसू गैस के असर को कम करने के लिए अपने चेहरों को गीले कपड़ों और बोरी से ढक लिया. कुछ किसान आंसू गैस के धुएं को दूसरी तरफ मोड़ने के लिए उपकरण भी लाए.

ड्रोन का इस्तेमाल

पुलिस आंसू गैस के गोले दागने के लिए ड्रोन का इस्तेमाल कर रही है, तो वहीं विरोध प्रदर्शन कर रहे किसान ड्रोन की हरकत पर नजर रखने के लिए पतंग उड़ा रहे हैं. प्रदर्शनकारियों ने किसानों के लिए लंगर की व्यवस्था की है और मोबाइल प्राथमिकी चिकित्सा केंद्र भी स्थापित किए हैं.

बुधवार को किसानों ने सुबह 8 बजे से ही अपने नेताओं की घोषणा के बाद सीमा पार करने की अगली लड़ाई के लिए तैयार रहने की बात कही. सैकड़ों हरियाणा के किसान भी बुधवार को पंजाब सीमा पर आंदोलन कर रहे किसानों में शामिल हो गए.

हफ्तों या महीनों तक रहने को तैयार

पंजाब के अलग-अलग जिलों से आए ज्यादातर किसान जरूरत पड़ने पर कुछ हफ्तों या महीनों तक डटे रहने के लिए तैयार हैं. 

एक अन्य प्रदर्शनकारी किसान ने बताया कि मंगलवार को उनके एक साथी ने पुलिस द्वारा सड़क पर बिछाई गई कीलों के बीच से अपना ट्रैक्टर निकाला था और कुछ हद तक सफल भी रहा, हालांकि इस प्रक्रिया में उसके ट्रैक्टर के सभी चार टायर पंचर हो गए.