बुधवार को राजस्थान के चुरू जिले में भारतीय वायुसेना (IAF) का जगुआर लड़ाकू विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया. यह हादसा दोपहर करीब 1:25 बजे भनोदा गांव के पास एक कृषि क्षेत्र में हुआ, जिसमें विमान में सवार दोनों पायलटों की जान चली गई. इस दुखद घटना ने स्थानीय समुदाय और वायुसेना को गहरे शोक में डुबो दिया.
प्रत्यक्षदर्शी ने बयां की आंखोंदेखी
घटना के कुछ घंटों बाद, एक प्रत्यक्षदर्शी ने हादसे का आंखों देखा हाल साझा किया. उन्होंने बताया कि वह अपने खेत में बैठे थे जब उन्होंने आसमान में धुएं का गुबार देखा. प्रत्यक्षदर्शी ने कहा, “पायलट ने गांव को बचाने की पूरी कोशिश की, यह मैं निश्चित रूप से कह सकता हूं.” घटनास्थल पर वायुसेना की एक डायरी भी मिली, जिसे स्थानीय पुलिस स्टेशन के अधिकारी (SHO) को सौंप दिया गया.
वायुसेना का आधिकारिक बयान
भारतीय वायुसेना ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर जानकारी साझा करते हुए कहा, “एक आईएएफ जगुआर ट्रेनर विमान नियमित प्रशिक्षण उड़ान के दौरान चुरू, राजस्थान के पास दुर्घटनाग्रस्त हो गया. दोनों पायलटों को गंभीर चोटें आईं और उनकी मृत्यु हो गई.” वायुसेना ने यह भी स्पष्ट किया कि इस हादसे में किसी भी नागरिक संपत्ति को नुकसान नहीं पहुंचा. वायुसेना ने शोक संतप्त परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त करते हुए कहा, “आईएएफ इस दुख की घड़ी में परिवारों के साथ मजबूती से खड़ा है. हादसे के कारणों का पता लगाने के लिए जांच समिति गठित की गई है.”
स्थानीय प्रशासन की प्रतिक्रिया
रजालदेसर के एसएचओ कमलेश ने बताया कि घटनास्थल से मानव अवशेष बरामद किए गए हैं. स्थानीय प्रशासन रक्षा अधिकारियों और बचाव कर्मियों के साथ समन्वय कर रहा है.
2025 में तीसरी घटना
यह 2025 में जगुआर विमान से जुड़ी तीसरी दुर्घटना है. मार्च में हरियाणा के अंबाला के पास एक जगुआर विमान दुर्घटनाग्रस्त हुआ था, जहां पायलट ने विमान को नागरिक क्षेत्रों से दूर ले जाकर सुरक्षित रूप से इजेक्ट किया था. अप्रैल में, जामनगर के पास एक अन्य ट्विन-सीटर जगुआर रात के मिशन के दौरान तकनीकी खराबी के कारण दुर्घटनाग्रस्त हो गया. उस हादसे में स्क्वाड्रन लीडर सिद्धार्थ यादव की इजेक्शन के दौरान लगी चोटों के कारण मृत्यु हो गई, जबकि दूसरा पायलट बच गया.