विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने पश्चिमी देशों को पाकिस्तान द्वारा आतंकवाद को समर्थन देने के खिलाफ कड़ा रुख अपनाते हुए चेतावनी दी कि यह आतंकवाद एक दिन उन्हें भी नुकसान पहुंचाएगा. यूरोएक्टिव से बातचीत में जयशंकर ने कहा कि भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष का मूल कारण आतंकवाद है.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, यह बयान उन्होंने भारत-यूरोपीय संघ मुक्त व्यापार समझौते को बढ़ावा देते हुए दिया, जिसमें उन्होंने भारत को चीन की तुलना में अधिक विश्वसनीय भागीदार और कुशल श्रम शक्ति वाला देश बताया.
आतंकवाद पर भारत का रुख
पहलगाम हमले और ऑपरेशन सिंदूर का हवाला देते हुए जयशंकर ने पाकिस्तान की सीमा पार आतंकवाद में संलिप्तता, आतंकी समूहों को धन और आश्रय देने की भूमिका पर प्रकाश डाला. उन्होंने पश्चिमी देशों को चेताया, “मैं चाहता हूं कि दुनिया यह समझे यह केवल भारत-पाकिस्तान का मसला नहीं है. यह आतंकवाद के बारे में है और यही आतंकवाद अंततः आपके लिए भी खतरा बनेगा.” उन्होंने विदेशी मीडिया द्वारा ऑपरेशन सिंदूर को नई दिल्ली और इस्लामाबाद के बीच “बदले की कार्रवाई” कहे जाने की आलोचना भी की.
ओसामा बिन लादेन का जिक्र
पश्चिम को चेतावनी देते हुए जयशंकर ने अल-कायदा नेता ओसामा बिन लादेन की गिरफ्तारी का उदाहरण दिया. उन्होंने कहा, “मैं आपको एक बात याद दिलाना चाहता हूं एक व्यक्ति था, जिसका नाम ओसामा बिन लादेन था. वह, सभी लोगों में से, पाकिस्तान के एक सैन्य शहर में, उनके वेस्ट पॉइंट के समकक्ष स्थान के पास, सालों तक सुरक्षित क्यों रहा?” बिन लादेन, जो 9/11 के न्यूयॉर्क आतंकी हमलों का मास्टरमाइंड माना जाता था, उसको 2 मई 2011 को अमेरिकी सेना ने ऑपरेशन नेपच्यून स्पीयर के दौरान मार गिराया था. जयशंकर ने बताया कि बिन लादेन पाकिस्तानी खुफिया सेवाओं की मदद से अफगानिस्तान से पाकिस्तान भाग गया था.
वैश्विक प्रभाव क्या पड़ेगा?
जयशंकर का यह बयान वैश्विक मंच पर भारत के आतंकवाद विरोधी रुख को मजबूती देता है. उन्होंने पश्चिमी देशों से पाकिस्तान की आतंकवाद समर्थक नीतियों पर सख्ती बरतने का आग्रह किया, ताकि वैश्विक सुरक्षा सुनिश्चित हो सके.