भारत से विदेश जाने की इच्छा हर किसी का सपना होती है, लेकिन कुछ लोग इसका गलत रास्ता अपनाकर खुद को और अपनी ज़िंदगी को संकट में डाल लेते हैं. खासकर अमेरिका जैसे देशों में जाने के लिए कुछ लोग अवैध मार्गों का सहारा लेते हैं. इनमें से एक प्रमुख तरीका है "डंकी रूट" (Donkey Route), जिसके जरिए लोग भारी रकम खर्च करके बिना कानूनी प्रक्रिया के विदेश पहुंचने की कोशिश करते हैं. आइए जानते हैं कि यह डंकी रूट क्या है और इसके जरिए लोग कैसे फंस जाते हैं.
"डंकी रूट" एक प्रकार का अवैध मार्ग है, जिसका नाम पंजाबी शब्द ‘डंकी’ से आया है, जिसका अर्थ होता है जगह-जगह कूदना या एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाना. इस रास्ते के तहत लोग विभिन्न देशों से होकर, बिना किसी कानूनी दस्तावेज़ या मंजूरी के, अमेरिका जैसे देशों में घुसने की कोशिश करते हैं. यह यात्रा खासकर ट्रैवल एजेंट्स और अवैध मानव तस्करी नेटवर्क द्वारा करवाई जाती है, जो लोगों से भारी पैसे लेकर उन्हें ग़लत तरीके से विदेश भेजते हैं.
इस रूट का नाम इस तरह रखा गया है क्योंकि इसमें लोग कई सीमाओं को पार करते हुए एक स्थान से दूसरे स्थान पर बिना किसी ठोस मार्ग के यात्रा करते हैं, और यात्रा के दौरान उन्हें कई तरह की कठिनाइयों और खतरों का सामना करना पड़ता है.
यह एक अवैध तरीका है, जिसके जरिए लोग अमेरिका जैसे देशों में घुसने की कोशिश करते हैं, और अक्सर इस प्रक्रिया में उन्हें बहुत बड़ी रकम भी चुकानी पड़ती है.
इस रूट के जरिए यात्रा करने वाले लोग सबसे पहले कई देशों की सीमाएं पार करते हैं. एक अवैध ट्रैवल एजेंट ने बताया कि इस रूट में सबसे पहले लोग एयरलाइन से एम्सटर्डम जाते हैं, फिर वहां से उन्हें निकारागुआ भेजा जाता है. कुछ दिनों तक वे निकारागुआ में रहते हैं, और फिर सड़क मार्ग से मेक्सिको जाते हैं. इसके बाद, वे अमेरिकी सीमा तक पहुंचने की कोशिश करते हैं. इस यात्रा में कोई गारंटी नहीं होती कि व्यक्ति अमेरिका पहुंच पाएगा या नहीं, लेकिन फिर भी लोग लाखों रुपये खर्च करके इस जोखिम को उठाते हैं.
नवंबर 2024 में, अमेरिका ने 18,000 अवैध प्रवासियों की सूची साझा की, जिन्हें भारत वापस भेजा जाना था. भारतीय सरकार ने यह स्पष्ट किया कि वे अवैध प्रवासियों को वापस लेने के लिए तैयार हैं. इस सूची में कई ऐसे लोग शामिल थे जिन्होंने डंकी रूट का सहारा लिया था और अब वे अमेरिका में फंसे हुए थे. अमेरिका के सैन्य विमान द्वारा इन लोगों को अमृतसर लाया गया, लेकिन पंजाब पुलिस और राज्य सरकार को उनके बारे में ज्यादा जानकारी नहीं दी गई थी.
पंजाब पुलिस इस मुद्दे पर गंभीर है और उन लोगों के बारे में जानकारी जुटाने का प्रयास कर रही है, जो अवैध तरीके से विदेश गए थे. पुलिस ने कहा कि वे उन ट्रैवल एजेंट्स के खिलाफ कार्रवाई करना चाहती हैं, जो इस अवैध व्यापार में शामिल थे. पुलिस ने यह भी कहा कि अगर इन लोगों के खिलाफ कोई आपराधिक मामले सामने आते हैं, तो उन्हें गिरफ्तार किया जाएगा.
अवैध प्रवासियों का एक बड़ा कारण है उनके द्वारा चुकाए गए भारी पैसे. ये ट्रैवल एजेंट्स लोगों से लाखों रुपये लेकर उन्हें यह आश्वासन देते हैं कि वे बिना किसी समस्या के विदेश पहुंच जाएंगे. इन एजेंट्स का दावा होता है कि वे इन लोगों को सुरक्षा से सीमा पार करवा देंगे, लेकिन जब वे सीमा तक पहुंचते हैं तो उन्हें मुश्किलों का सामना करना पड़ता है. इसके बाद इन लोगों को न केवल कानूनी परेशानियों का सामना करना पड़ता है, बल्कि वे अपनी सारी बचत भी खो बैठते हैं.
भारत सरकार और पंजाब पुलिस इस मुद्दे पर गंभीरता से काम कर रहे हैं. सरकार का उद्देश्य है कि वे अवैध प्रवास के इस रास्ते को पूरी तरह से बंद करें. इसके लिए पुलिस अधिकारियों और केंद्रीय एजेंसियों के साथ मिलकर काम किया जा रहा है ताकि इस रूट से जुड़े लोगों को पहचानकर उन्हें कानून के तहत सजा दिलवाई जा सके.
"डंकी रूट" एक खतरनाक और अवैध तरीका है जिसके जरिए लोग विदेश जाने की कोशिश करते हैं. हालांकि यह रास्ता असुरक्षित और जोखिमपूर्ण है, फिर भी कई लोग इसे अपनाते हैं. इसका समाधान तब ही संभव है जब सरकार और संबंधित एजेंसियां इस पर सख्ती से कार्रवाई करें और अवैध ट्रैवल एजेंट्स को पकड़कर कड़ी सजा दिलवाएं.
युवाओं को भी यह समझने की जरूरत है कि अगर वे विदेश जाना चाहते हैं, तो उन्हें कानूनी रास्तों का ही चयन करना चाहिए, क्योंकि अवैध मार्ग न केवल उनके जीवन को खतरे में डालते हैं, बल्कि वे कानून के सामने भी अपराधी बन जाते हैं.