वनराई पुलिस ने गुरुवार को एक कॉर्पोरेट कंपनी के एक कर्मचारी को 7,000 ग्राम सोने के सिक्कों के जाली खरीद आदेशों का इस्तेमाल करके और निजी फायदे के लिए सिक्कों का गबन कर कंपनी को 5.75 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी करने के आरोप में गिरफ्तार किया है. आरोपी की पहचान 44 साल के सुनील गुप्ता के रूप में हुई है जिसे 7 अक्टूबर तक पुलिस हिरासत में भेज दिया गया है. वहीं पुलिस अभी तक गबन किए गए सिक्कों को बरामद नहीं कर पाई है.
गोरेगांव ईस्ट में एक कॉर्पोरेट गिफ्टिंग कंपनी चलाने वाले शिकायतकर्ता नरेश जैन ने पुलिस में दर्ज शिकायत में कहा कि वह आरोपी को पिछले 4-5 सालों से जानते थे. दो साल पहले गुप्ता उनके पास आया औ कहा कि वह उन्हें भारी मात्रा में ऑर्डर दिलाने में मदद कर सकता है. इसके बाद जैन ने गोरेगांव ईस्ट में किराये पर एक दुकान ली और ब्रांड हार्मनी के नाम से ब्रांच खोली और गुप्ता ओ उस दफ्तर को चलाने के लिए हायर किया.
भरोसा बड़ा तो दे दिया कंपनी का ई्मेल-पासवर्ड
पुलिस ने बताया कि कंपनी क्या व्यापार और प्रॉफिट बढ़ने के साथ ही जैन का गुप्ता पर भरोसा बढ़ने लगा और इसी दौरान जैन ने गुप्ता को कंपनी के ईमेल और पासवर्ड का एक्सेस दे दिया.
मिला था सोने के सिक्कों का ऑर्डर
आरोपी ने कहा कि एक साल पहले उन्हें एक फार्मास्युटिकल कंपनी से ऑर्डर मिला था जो अपने ग्राहकों को सोने के सिक्के गिफ्ट में देना चाहती थी. संदिग्ध ने 3,400 ग्राम 24 कैरेट सोने की खरीद ऑर्डर में जालसाजी की. कंपनी के मालिक जैन ने गुप्ता पर विश्वास कर लिया और 2.47 करोड़ रुपए के सोनों के सिक्के दवा कंपनी को देने के लिए गुप्ता को सौंप दिए.
फिर चली चाल
अधिकारियों ने बताया कि मार्च 2025 में गुप्ता ने फिर से चाल चली और कहा कि फार्मास्यूटिकल कंपनी 3.18 करोड़ रुपए के 3,600 ग्राम सोने के सिक्के खरीदना चाहती है. गुप्ता ने कहा कि कंपनी दोनों सौदों का पेमेंट एक साथ करेगी. इस बार भी जैन ने गुप्ता को सोने के सिक्के डिलीवरी करने के लिए दे दिये.
लेकिन जब कंपनी की तरफ से पेमेंट नहीं आई तो जैन ने पड़ताल की. इस पर गुप्ता आनाकानी करने लगा और मामले को टालने की कोशिश करता रहा. इसके बाद जब जैन ने आखिरकार फार्मास्यूटिकल कंपनी से संपर्क साधा तो पता चला कि उन्होंने इस तरह का कोई ऑर्डर नहीं दिया और नहीं ही पिछले एक साल से उन्हें कोई डिलीवरी मिली.
20 सितंबर को वनराई पुलिस थाने में गुप्ता के खिलाफ मामला दर्ज किया गया और गुरुवार को आखिरकार गुप्ता को गिरफ्तार कर 7 अक्टूबर तक पुलिस हिरासत में भेज दिया गया.