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कठुआ में कथित धर्मांतरण प्रचारकों पर हमला: 8 पुलिसकर्मी निलंबित, एक आरोपी गिरफ्तार

यह कार्रवाई उस वीडियो के सामने आने के बाद की गई, जिसमें पुलिसकर्मी घटना स्थल पर मौजूद तो थे, लेकिन हमलावरों को रोकने में असमर्थ दिखे।

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Edited By: Sagar Bhardwaj
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Reported By: Raman Saini
Eight policemen suspended in kathua india daily
Courtesy: x

जम्मू-कश्मीर के कठुआ जिले में कथित धार्मिक प्रचारकों पर हुए हमले के बाद पुलिस विभाग ने सख्त कदम उठाए हैं। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (SSP) कठुआ ने एक सब-इंस्पेक्टर और सात विशेष पुलिस अधिकारियों (SPOs) को ड्यूटी में लापरवाही बरतने के आरोप में निलंबित कर दिया है। यह कार्रवाई उस वीडियो के सामने आने के बाद की गई, जिसमें पुलिसकर्मी घटना स्थल पर मौजूद तो थे, लेकिन हमलावरों को रोकने में असमर्थ दिखे।

घटना कठुआ जिले के राजबाग थाना क्षेत्र के जुंठाना इलाके में घटी। जानकारी के अनुसार, एक वाहन में सवार कुछ धार्मिक प्रचारक इलाके में धार्मिक संदेश देने जा रहे थे। इसी दौरान, स्थानीय युवकों के एक समूह ने उन पर जबरन धर्मांतरण कराने का आरोप लगाते हुए हमला कर दिया। हमलावर लाठियों से लैस थे और उन्होंने वाहन में तोड़फोड़ भी की। प्रचारक किसी तरह वहां से अपनी जान बचाकर भाग निकले।

घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया, जिसमें पुलिसकर्मी घटनास्थल पर दिखाई दे रहे हैं लेकिन उन्होंने तत्काल हस्तक्षेप नहीं किया। इसके बाद प्रशासन ने मामले को गंभीरता से लिया और ड्यूटी में लापरवाही बरतने पर संबंधित पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया।

पुलिस ने इस मामले में मुख्य आरोपी रवींद्र सिंह थेला की पहचान की है, जिसके खिलाफ पहले से कई आपराधिक मामले दर्ज हैं। अब तक एक आरोपी को गिरफ्तार किया जा चुका है, जबकि बाकी हमलावरों की तलाश जारी है। SSP कठुआ ने बताया कि किसी भी व्यक्ति को कानून अपने हाथ में लेने की अनुमति नहीं दी जाएगी और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

पुलिस ने इस घटना को साम्प्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने की कोशिश बताते हुए लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है। अधिकारियों ने कहा है कि इलाके में तनाव की स्थिति पर कड़ी नजर रखी जा रही है और अतिरिक्त पुलिस बल भी तैनात किया गया है।

कठुआ की यह घटना राज्य में धार्मिक सहिष्णुता और कानून-व्यवस्था पर गंभीर सवाल उठाती है। प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि किसी भी प्रकार की हिंसा या अफवाह फैलाने की कोशिश बर्दाश्त नहीं की जाएगी, और दोषियों को न्याय के कटघरे में लाया जाएगा।