भारत ने अपनी रक्षा तकनीक में एक और बड़ी छलांग लगाई है. अब ऐसा हथियार तैयार कर लिया गया है जिसे ड्रोन से भी दागा जा सकता है. ये कारनामा देश की प्रमुख रक्षा संस्था DRDO (Defence Research and Development Organisation) ने किया है.
DRDO ने हाल ही में ULPGM-V3 मिसाइल का सफलतापूर्वक परीक्षण किया है। ULPGM का मतलब है Unmanned Aerial Vehicle Launched Precision Guided Missile, यानी बिना पायलट वाले ड्रोन से छोड़ी जाने वाली एकदम सटीक निशाना लगाने वाली मिसाइल. यह मिसाइल पुराने वर्जन V2 से भी ज़्यादा एडवांस है. इसमें कई नई खूबियां जोड़ी गई हैं जो इसे और ज्यादा घातक और आधुनिक बनाती हैं.
इस मिसाइल का टेस्ट आंध्र प्रदेश के कुरनूल जिले में मौजूद राष्ट्रीय मुक्त क्षेत्र रेंज (NOAR) में किया गया। ये जगह DRDO की टेस्टिंग के लिए खास तौर पर बनाई गई है।
इसमें तीन तरह के वॉरहेड यानी फटने वाले हिस्से हैं। एक एंटी-आर्मर जिसका काम टैंक और बख्तरबंद गाड़ियों को तबाह करना है। दूसरा एंटी-बंकर जिसका काम छुपे हुए दुश्मनों को उड़ाने के लिए है। तीसरा प्री-फ्रैगमेंटेशन जिसका काम ज्यादा से ज्यादा तबाही मचाना है।
In a major boost to India’s defence capabilities, DRDO successfully carried out flight trials of UAV Launched Precision Guided Missile (ULPGM)-V3 in the National Open Area Range (NOAR), test range in Kurnool, Andhra Pradesh. ULPGM-V3 is an enhanced version of the ULPGM-V2 missile… pic.twitter.com/WMqSzfgYmw
— DRDO (@DRDO_India) July 25, 2025
ULPGM-V3 मिसाइल को DRDO की कई लैब्स ने मिलकर बनाया है। जिसमें ये शामिल हैं।
इस मिसाइल को लॉन्च करने वाला जो ड्रोन है, वह बेंगलुरु की एक स्टार्ट-अप कंपनी NewSpace Research Technologies ने बनाया है। यह ड्रोन भी पूरी तरह देसी है।
इस प्रोजेक्ट में सिर्फ DRDO ही नहीं, बल्कि भारत की प्राइवेट कंपनियां भी शामिल हैं। अदानी डिफेंस, भारत डायनेमिक्स लिमिटेड (BDL) और करीब 30 MSME और स्टार्टअप्स ने इस प्रोजेक्ट में अपना योगदान दिया है।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस कामयाबी के लिए DRDO और सभी प्राइवेट पार्टनर्स को बधाई दी है। उन्होंने कहा कि यह दिखाता है कि भारतीय इंडस्ट्री अब बड़ी-बड़ी रक्षा तकनीकों को बनाने के लिए तैयार है। वहीं, DRDO के चेयरमैन डॉ. समीe वी. कामत ने भी सभी टीमों को बधाई दी और कहा कि ऐसे हथियार बनाना आज के समय की ज़रूरत है।
भारत अब सिर्फ रक्षा उपकरण खरीदने वाला देश नहीं रहा, बल्कि खुद अपने आधुनिक हथियार भी बना रहा है। ULPGM-V3 मिसाइल इसका ताज़ा उदाहरण है। ये दिखाता है कि अब भारत की ताकत सिर्फ ज़मीन तक सीमित नहीं, बल्कि आसमान से भी दुश्मनों पर सटीक वार कर सकता है – वो भी बिना किसी पाइलट की मदद लिए हुए।