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Mandatory HIV Test: शादी से पहले मैंडेटरी होगा HIV टेस्ट, सरकार जल्द लेकर आ रही है कानून

24 जुलाई को आयोजित एक उच्च-स्तरीय बैठक में स्वास्थ्य मंत्री अम्पारीन लिंगदोह ने इस प्रस्ताव की घोषणा की. बैठक में सामने आए आंकड़ों के अनुसार, पूर्वी खासी हिल्स जिले में एचआईवी/एड्स के मामले दोगुने हो गए हैं.

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Edited By: Garima Singh
Meghalaya HIV testing
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Meghalaya HIV testing: मेघालय सरकार ने एचआईवी/एड्स के बढ़ते मामलों को नियंत्रित करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाने का फैसला किया है. राज्य में इस बीमारी के प्रसार को रोकने के लिए विवाह से पहले एचआईवी/एड्स परीक्षण को अनिवार्य बनाने हेतु कानून लाने पर विचार चल रहा है. यह कदम तब सामने आया जब हाल के आंकड़ों ने राज्य में संक्रमण की गंभीर स्थिति को उजागर किया, जिसके कारण मेघालय भारत के सबसे अधिक प्रभावित राज्यों में शामिल हो गया है.

24 जुलाई को आयोजित एक उच्च-स्तरीय बैठक में स्वास्थ्य मंत्री अम्पारीन लिंगदोह ने इस प्रस्ताव की घोषणा की. बैठक में सामने आए आंकड़ों के अनुसार, पूर्वी खासी हिल्स जिले में एचआईवी/एड्स के मामले दोगुने हो गए हैं. वर्तमान में मेघालय देश में एचआईवी/एड्स प्रसार के मामले में छठे स्थान पर है, और पूर्वोत्तर भारत में इसकी स्थिति विशेष रूप से गंभीर है. लिंगदोह ने कहा, "अगर गोवा ने टेस्टिंग अनिवार्य कर दी है, तो मेघालय में अपने अलग कानून क्यों नहीं होने चाहिए? इन कानूनों से बड़े समुदाय को फ़ायदा होगा."

पूर्वी खासी हिल्स में गंभीर स्थिति

आंकड़ों के अनुसार, पूर्वी खासी हिल्स जिले में 3,432 एचआईवी/एड्स मामले दर्ज किए गए हैं, जिनमें से केवल 1,581 मरीजों को ही उपचार मिल रहा है. चिंताजनक रूप से, 681 मरीजों की अनुवर्ती देखभाल नहीं हो पाई है, और 159 मौतें एंटीरेट्रोवाइरल थेरेपी (एआरटी) में रुकावट के कारण हुई हैं. लिंगदोह ने बताया, "हमने केवल पूर्वी खासी हिल्स के बारे में बात की है, और यह संख्या बहुत अधिक है. दुर्भाग्यवश, सबसे अधिक मामले पश्चिम और पूर्वी जैंतिया हिल्स में हैं."

नई नीति और जागरूकता की जरूरत

उपमुख्यमंत्री प्रेस्टोन तिनसॉन्ग की अध्यक्षता में हुई बैठक में स्वास्थ्य विभाग को एक व्यापक एचआईवी/एड्स नीति तैयार करने का निर्देश दिया गया. इस नीति को मिशन मोड में लागू किया जाएगा. हालांकि, जन जागरूकता अभियान सफल रहे हैं, लेकिन असली चुनौती परीक्षण और स्क्रीनिंग क्षमताओं को बढ़ाने में है. मौजूदा कानूनी ढांचा आक्रामक परीक्षण प्रोटोकॉल को सीमित करता है, जिसके कारण सरकार गोवा की तर्ज पर अनिवार्य विवाह-पूर्व परीक्षण कानून लाने पर विचार कर रही है.

यौन संचारित संक्रमण प्रमुख कारण

मेघालय में एचआईवी/एड्स फैलने का मुख्य कारण यौन संचारित संक्रमण है, जो इसे उन राज्यों से अलग करता है जहां इंजेक्शन द्वारा नशीली दवाओं का उपयोग प्रमुख कारक है. लिंगदोह ने कहा, "हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि जिन लोगों का परीक्षण किया गया है, उन सभी को उपचार प्रणाली में लाया जाए. एचआईवी/एड्स कैंसर या टीबी की तरह घातक नहीं है, यदि इसका उचित उपचार किया जाए."क्षेत्र-विशिष्ट रणनीतियों की योजनासरकार गारो हिल्स और जयंतिया हिल्स में परामर्श बैठकें आयोजित करने की योजना बना रही है ताकि क्षेत्र-विशिष्ट रणनीतियां विकसित की जा सकें. अधिकारियों ने हॉटस्पॉट क्षेत्रों के आंकड़े सार्वजनिक न करने का फैसला किया है ताकि सामाजिक कलंक से बचा जा सके. इसके साथ ही, अनदेखे मामलों की चिंता बनी हुई है, क्योंकि कई लोग जांच के लिए आगे नहीं आ रहे हैं.

व्यापक नीति का निर्माण

मेघालय सरकार एक व्यापक नीतिगत ढांचा तैयार करने की दिशा में काम कर रही है, जो रोकथाम, अनिवार्य परीक्षण और सभी मरीजों के लिए निरंतर उपचार सुनिश्चित करेगा. स्वास्थ्य विभाग इसकी प्राथमिक जिम्मेदारी लेगा, जबकि कानूनी विशेषज्ञ अनिवार्य परीक्षण कानून की व्यवहार्यता का अध्ययन करेंगे.